ND तिवारी का विवादों से भी रहा है गहरा नाता, 89 वर्ष की उम्र में रचाई थी शादी
By रामदीप मिश्रा | Published: October 18, 2018 05:36 PM2018-10-18T17:36:44+5:302018-10-18T17:36:44+5:30
एनडी तिवारी का जन्म 1925 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पूर्णानंद तिवारी था, जोकि वन विभाग में अधिकारी थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे नारायण दत्त तिवारी (एनडी तिवारी) का विवादों से गहरा नाता रहा है। उनकी 89 वर्ष की आयु में शादी और सेक्स स्कैंडल से जुड़ा मामला चर्चा में रहा है। सेक्स स्कैंडल की वजह से उन्हें आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। इसके अलावा रोहित शेखर तिवारी को अपना बेटा इनकार कर दिया था, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचने के बाद मामला सुलझा था और एनडी तिवारी को रोहित शेखर तिवारी को बेटा स्वीकार करना पड़ा था।
नैनीताल में हुआ जन्म
दरअसल, एनडी तिवारी का जन्म 1925 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पूर्णानंद तिवारी था, जोकि वन विभाग में अधिकारी थे। एनडी तिवारी का पहला विवाह सुशीला सनवाल से 1954 में हुआ था और यह रिश्ता साल 1993 तक चला। इसके बाद एक महिला सामने आई जिसने कहा कि वो तिवारी की पत्नी है और दोनों का एक बेटा भी है। हालांकि तिवारी ने इसे विरोधियों की साजिश बता दिया था, लेकिन मामला जब कोर्ट तक पहुंच गया था और उन्हें मां-बेटे को अपनाना पड़ा।
पिता-पुत्र का विवाद
जिस महिला ने एनडी तिवारी को अपना पति बताया था उसका नाम उज्ज्वला तिवारी है। उज्जवला ने कहा था उसके एक पुत्र है, जिसके पिता एनडी तिवारी हैं। इस बात पर उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया था, जिसके बाद मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया था और उनके रक्त के नमूने संबंधी डीएनए रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया। टेस्ट में महिला का आरोप सच निकला और एनडी तिवारी को रोहित और उनकी मां उज्जवला शर्मा को अपनाना पड़ा। उस रिपोर्ट के अनुसार पितृत्व वाद दायर करने वाले रोहित शेखर तिवारी ही एनडी तिवारी के बेटे हैं। इसके बाद एनडी तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से मई 2014 में अपने लखनऊ स्थित आवास पर 89 वर्ष की उम्र में विवाह कर लिया था।
रोहित शेखर तिवारी ने किया था पितृत्व का केस दाखिल
दरअसल, दिल्ली में रहने वाले 32 साल के रोहित शेखर तिवारी ने दावा किया था कि एनडी तिवारी ही उसके जैविक पिता हैं और इसी दावे को सच साबित करने के लिए रोहित और उसकी मां उज्ज्वला तिवारी ने 2008 में अदालत में एनडी तिवारी के खिलाफ पितृत्व का केस दाखिल किया था। अदालत ने मामले की सुनवाई की और अदालत के ही आदेश पर डीएनए जांच के लिए एनडी तिवारी को अपना खून देना पड़ा था। देहरादून स्थित आवास में अदालत की निगरानी में एनडी तिवारी का ब्लड सैंपल लिया गया था।
सेक्स स्कैंडल में फंसे
एनडी तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल रहते हुए सेक्स स्कैंडल में फंस चुके हैं, जिसके बाद उनकी भारतीय राजनीति में जमकर किरकिरी हुई थी। इस स्कैंडल का खुलासा तेलुगू समाचार चैनल ने किया था। चैनल ने एक वीडियो प्रसारित किया था, जिसमें एक शख्स को तीन युवा लड़कियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। स्कैंडल सामने आने के बाद उन्हें राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।