भोपाल/खरगोन, 29 जून कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के भीकनगांव जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) राजेश बाहेती ने अपने ‘सुसाइड’ नोट में अपनी मौत के लिए भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
पुलिस के अनुसार बाहेती की आत्महत्या मामले में प्रारंभिक जांच में पेशेवर प्रोफेशनल विवाद की बात सामने आ रही है।
सीईओ राजेश बाहेती (54) ने खरगोन जिले के भीकनगांव में अपने सरकारी निवास पर कथित तौर पर फांसी लगाकर रविवार को आत्महत्या कर ली। उनका शव फंदे पर लटकता हुआ मिला था। वह इस घर में अकेले रहते थे।
दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘‘खरगोन ज़िले के भीकनगांव जनपद पंचायत सीईओ राजेश बाहेती ने अपने सरकारी निवास पर रविवार शाम को फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर ली। मृत्यु के पूर्व वह एक सुसाइड नोट लिखकर छोड़ गए हैं। सोसाइट नोट भीकनगांव पुलिस ने जब्त किया है।’’
सिंह ने आगे लिखा, ‘‘उन्होंने (बाहेती) अपनी मौत का कारण भाजपा के जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व भाजपा मंडल अध्यक्ष द्वारा अवैध रूप से पैसों की मांग करना एवं मीटिंग में अपमानित करना बताया। इनके नाम आने से केस दबाये जाने की आशंका हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि तीनों नेता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की शरण में भोपाल आ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस क्या करती है, देखते हैं।’’
इसी बीच, खरगोन के पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि प्रारम्भिक रूप से यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘सुसाइड नोट मिला है। उसकी की जांच कराई जा रही है। उसके बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा।’’
पुलिस अधीक्षक चौहान ने दावा किया की सीईओ की आत्महत्या मामले में पारिवारिक विवाद नहीं, पेशेवर विवाद की बात जाँच में सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पंचनामा बनाकर पोस्टमॉर्टम करा लिया है और अब विवेचना कर रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘‘सबसे पहले सुसाइड नोट की जांच होगी... फिलहाल जो तथ्य सामने आ रहे है पुलिस उस आधार पर कार्रवाई कर रही है।’’
इस बीच मध्यप्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने दिग्विजय के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ कानून अपना काम करेगा और किसी को बचाया नहीं जा रहा है।
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