नागपुर, 10 मार्चः पिछले 9 साल से राष्ट्रीय स्वयं संघ के सरकार्यवाह का पद संभाल रहे सुरेश भैयाजी जोशी का वर्चस्व बरकरार है। शनिवार को एकबार फिर उन्हें तीन साल के लिए आरएसएस का सरकार्यवाह चुन लिया गया। ये उनका चौथा कार्यकाल है। नागपुर में संघ के केंद्रीय प्रतिनिधियों की अहम बैठक जारी है। इससे पहले खबरें आ रही थी कि मोदी के करीबी माने जाने वाले दत्तात्रेय होसबोले को संघ का नया सरकार्यवाह बनाया जा सकता है। लेकिन अंततः भैयाजी जोशी के नाम पर मुहर लगाई गई। बता दें कि सरकार्यवाह के पद को आरएसएस में नंबर दो माना जाता है। इसे महासचिव भी कहा जाता है जो संघ का कार्यकारी प्रमुख होता है।
सर्वसम्मति से हुआ भैयाजी जोशी का चुनाव
भैयाजी के नाम का प्रस्ताव पश्चिम क्षेत्र के संघचालक जयंती भाई भदेसिया ने किया। सरकार्यवाह पद के लिए उनके नाम का समर्थन पूर्वी उत्तर प्रदेश, द्रविण क्षेत्र और असम के संघचालकों ने किया। सर्वसम्मति से नाम प्रस्तावित किया गया था इसलिए चुनाव अधिकारी अशोक सोहोनी ने भैयाजी जोशी को निर्विरोध सरकार्यवाह घोषित कर दिया गया। रविवार को भैयाजी जोशी अगले तीन साल के लिए अपनी नई टीम का चयन करेंगे।
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आरएसएस का मौजूदा शीर्ष नेतृत्व इस प्रकार हैः-
सरसंघचालक- डॉ. मोहन भागवतसरकार्यवाह- सुरेश भैयाजी जोशीसह सरकार्यवाह- सुरेश सोनीसह सरकार्यवाह- दत्तात्रय होसबलेसह सरकार्यवाह- डॉ. कृष्ण गोपालसह सरकार्यवाह- वी भगैया
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शीर्ष नेतृत्व ने दी बधाई
भैयाजी जीशी का जन्म साल 1947 में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। वो युवावस्था में ही संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। 1977 से 1990 तक विभाग प्रचारक के पद पर रहे। 1990 से 1995 तक प्राांत सेवा प्रमुख फिर 1997 में संघ का अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख बनाया गया। 2009 में उन्हें सहकार्यवाह चुना गया और पिछले 9 साल से वो संघ के कार्यकारी अधिकारी हैं। भैयाजी जोशी के एकबार फिर सरकार्यवाह बनाए जाने पर संघ के शीर्ष नेताओं ने बधाई दी है।