'कुछ बड़े नगा नेता समाधान नहीं चाहते', भाजपा नेता के बयान पर भड़का नगा समूह, कहा- सूत्रधार की भूमिका से आगे न बढ़ें
By विशाल कुमार | Updated: May 28, 2022 10:34 IST2022-05-28T10:30:29+5:302022-05-28T10:34:13+5:30
नागालैण्ड के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता यानथुंगो पैटन ने कथित तौर पर कहा था कि नगा राष्ट्रवादी समूहों के कुछ "बड़े नेता" नगा मुद्दे का समाधान नहीं चाहते हैं, लेकिन कर संग्रह और जबरन वसूली हासिल करते रहना चाहते हैं।

'कुछ बड़े नगा नेता समाधान नहीं चाहते', भाजपा नेता के बयान पर भड़का नगा समूह, कहा- सूत्रधार की भूमिका से आगे न बढ़ें
कोहिमा: नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (एनएससीएन-आईएम) के इसाक-मुइवा गुट ने नागालैण्ड के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता यानथुंगो पैटन के उस बयान पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने कहा कि नगा राष्ट्रवादी समूहों के कुछ बड़े नेता नगा मुद्दे का समाधान नहीं चाहते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एनएससीएन-आईएम ने उन्हें नगा शांति प्रक्रिया में सूत्रधार के रूप में अपनी भूमिका से आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा। बयान में कहा गया कि चाहे हम व्यक्ति या दल के रूप में कोई भी हों, हमें यह स्वीकार करना होगा कि नगा राजनीतिक मुद्दा दिनों-दिन अधिक संवेदनशील होता जा रहा है और कई लोगों के लिए, यह एक अत्यंत भावनात्मक अनुभव है, कम से कम कहने के लिए। यह कटु शब्दों के साथ अपमानजनक बातें किए बिना समाधान की मांग करता है।
पैटन ने कथित तौर पर कहा था कि नगा राष्ट्रवादी समूहों के कुछ "बड़े नेता" नगा मुद्दे का समाधान नहीं चाहते हैं, लेकिन कर संग्रह और जबरन वसूली हासिल करते रहना चाहते हैं।
पैटन के भाषण की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि जो लोग समाधान नहीं चाहते हैं वे नरक में जा सकते हैं।
पिछले हफ्ते एनपीएफ विधायक दल के नेता कुजोलुजो नीनु ने कहा कि अब समय आ गया है कि एनएससीएन (आईएम) भारत सरकार के साथ अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर कर दे या छोड़ दे। उन्होंने कहा कि फ्रेमवर्क समझौता भारतीय संविधान के तहत किया गया है और इसलिए एकीकरण, स्वायत्तता, झंडा और संविधान की मांग को खारिज किया जाता है।
बता दें कि, एनएससीएन (आईएम) और केंद्र ने 1997 में एक शांति प्रक्रिया पर सहमत हुए और 2015 में फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, दोनों पक्ष अभी तक एक अंतिम समझौते पर नहीं पहुंचे हैं क्योंकि एनएससीएन (आईएम) एक अलग नगा झंडा और संविधान को लेकर अडिग है।