केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा- कोटा के जिस अस्पताल में 100 नवजातों की जान गई, वहां नहीं थीं पर्याप्त सुविधाएं

By भाषा | Published: February 4, 2020 07:43 PM2020-02-04T19:43:04+5:302020-02-04T19:43:04+5:30

अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि दिसंबर 2019 में बच्चों की मौत की खबरें आने के बाद एक केंद्रीय दल ने राजस्थान कोटा जिले में स्थित जे के लोन अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का दौरा किया।

nadequate number of beds, non-functional equipment in Kota hospital where 100 infants died says Health Ministry | केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा- कोटा के जिस अस्पताल में 100 नवजातों की जान गई, वहां नहीं थीं पर्याप्त सुविधाएं

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार (फाइल फोटो)

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यसभा को मंगलवार को बताया कि कोटा के जिस अस्पताल में पिछले साल 100 से अधिक नवजातों की जान गई, उस अस्पताल का दौरा करने पर केंद्रीय दल ने पाया कि वहां न तो पर्याप्त संख्या में बेड थे और न ही कई आवश्यक उपकरण काम कर रहे थे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि दिसंबर 2019 में बच्चों की मौत की खबरें आने के बाद एक केंद्रीय दल ने राजस्थान कोटा जिले में स्थित जे के लोन अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। चौबे के अनुसार, इस दल में जोधपुर स्थित एम्स तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के विशेषज्ञ थे।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय दल द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार, जे के लोन अस्पताल में 70 नवजातों की मौत नवजात आईसीयू में और 30 मौत बाल चिकित्सा आईसीयू में हुई। रिपोर्ट के अनुसार, जान गंवाने वाले ज्यादातर नवजातों का वजन जन्म के समय कम था। इनमें से 63 फीसदी मौत अस्पताल में भर्ती किए जाने के 24 घंटे से भी कम समय में हुई।

चौबे ने बताया कि केंद्रीय दल की रिपोर्ट के अनुसार, मौत के ज्यादातर मामले बूंदी के जिला अस्पताल तथा बरन के जिला अस्पताल से रेफर किए गए थे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय दल की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल में नवजात आईसीयू तथा बाल चिकित्सा आईसीयू में बिस्तर तथा नर्स का अनुपात 2:1 के मानक अनुपात की तुलना में क्रमश: 10:1 और 6:1 का था।

चौबे के अनुसार, केंद्रीय दल की रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में कई उपकरण काम नहीं कर रहे थे तथा उपकरणों के रखरखाव संबंधी कोई नीति भी नहीं थी।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि केंद्रीय दल ने उप जिला स्तर पर प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को मजबूत बनाने के अलावा, बुनियादी अवसंरचना को मजबूत करने, पर्याप्त कार्यबल ओर मानक क्लीनिकल प्रोटोकॉल का उपयोग करने की सिफारिश की है।

Web Title: nadequate number of beds, non-functional equipment in Kota hospital where 100 infants died says Health Ministry

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