मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सहयोगी मधु और अश्विनी पांच दिन की CBI रिमांड पर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 21, 2018 04:52 PM2018-11-21T16:52:10+5:302018-11-21T16:52:10+5:30
इससे पहले मंगलवार (20 नवंबर) को बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने बेगूसराय की एक अदालत में पहुंचकर सरेंडर किया था।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार आरोपी मधु और अश्विनी को बुधवार (21 नवंबर) को पांच दिन के हिरासत में भेजा गया। अश्विनी नाम के फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद एक नया खुलसा हुआ है। पूछताछ के दौरान अश्विनी ने बताया कि शोषण कांड में लड़कियों को इंजेक्शन देता था।यह इंजेक्शन लगाने से लड़कियों को दर्द कम होता था और नींद आने लगती थी। अश्विनी ने बताया कि वह अक्सर शेल्टर होम विजिट के लिए जाया करता था। वहां वह लड़कियों को ड्रग के इंजेक्शन देता था। खबरों कि मानें तो यह डॉक्टर मुजफ्फरपुर के कुरहनी ब्लॉक में अपना एक क्लिनिक भी चलाता था।
Muzaffarpur Home Shelter Case: Accused Madhu and Dr Ashwini have been sent to CBI remand for five days by a local court. #Bihar
— ANI (@ANI) November 21, 2018
इससे पहले मंगलवार (20 नवंबर) को बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने बेगूसराय की एक अदालत में पहुंचकर सरेंडर किया था। पूर्व मंत्री बीते कई दिनों से फरार चल रही थीं। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी। तब मंजू वर्मा को पकड़ने की कवायदें तेज कर दी गई थी।
कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मंजू वर्मा अपने एक रिश्तेदार के यहां नेपाल में छिपी हुईं थी। सरेंडर करने के 2 घंटे बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।
क्या है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम पूरा मामला?
बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीस) मुंबई की टीम जब जनवरी माह में सोशल ऑडिट करने पहुंची तो बालिका गृह में कई स्तर पर गडबडी मिली। मुजफ्फरपुर से मधुबनी, मोकामा और पटना भेजी गईं बच्चियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया तो हकीकत सामने आई। 44 में से 42 बच्चियों का मेडिकल कराया गया, जिनमें 29 से यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। बालिका गृह के संचालन की जिम्मेदारी सेवा संकल्प समिति को 2013 में सौंपी गई थी।