गैंगस्टर छोटा शकील के प्रमुख सहयोगी मुन्ना झिंगडा के प्रत्यर्पण की मांग करने वाली भारत की याचिका को खारिज को थाईलैंड कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद झिंगाडा को पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के रियल एस्टेट कारोबार को संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।
खबरों के अनुसार, भारतीय एजेंसियों का कहना है कि थाईलैंड की अदालत के आदेश के बाद झिंगाडा को भारत वापस लाना लगभग असंभव हो गया है। यहां वह कई आपराधिक मामलों में वांछित है, जिसमें हत्या और जबरन वसूली शामिल है।
उत्तर प्रदेश में जन्मा झिंगाडा मुंबई में जोगेश्वरी (पूर्व) में रहता था। दाऊद इब्राहिम के प्रतिद्वंद्वी छोटा राजन की हत्या करने की उसने कोशिश थी, जिसके बाद उसे साल 2000 में थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया था। भारत और पाकिस्तान के बीच मुन्ना झिंगाड़ा को लेकर झगड़ा चल रहा है। यह विवाद उसकी नागरिकता को लेकर है। थाई पुलिस को झिंगाडा के पास से एक पाकिस्तानी पासपोर्ट मिला था, जिससे उसकी पहचान मोहम्मद सलीम के रूप में हुई थी। सितंबर में झिंगाडा को थाईलैंड की एक अदालत ने पाकिस्तानी नागरिक समझकर उसे रिहा कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि झिंगाडा अभी पाकिस्तान में है और थाईलैंड की अदालत ने उसे पाकिस्तानी नागरिक घोषित किया है। पाकिस्तान इस तथ्य से बिल्कुल नहीं मानेगा कि वह मुन्ना झिंगाडा है।
भारतीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, झिंगाडा 16 सितंबर को पाकिस्तान के कराची पहुंचा है। उसे पाकिस्तान और यूएई में डी-कंपनी के रियल एस्टेट कारोबार का काम सौंपा गया है। थाईलैंड में गिरफ्तार किए जाने से पहले झिंगाडा ने रियल एस्टेट के कारोबार में निवेश किया था और अपना पैसा पाकिस्तान, दुबई, शारजाह और अबू धाबी में लगाया था।
बताया गया है कि मुंबई पुलिस के पास झिंगाड़ा का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसका परिवार जोगेश्वरी (पूर्व) में रहता है। हालांकि, झिंगाडा के पिता सैय्यद मोदास्सिर हुसैन (78) और माता नजनीन (73) बीमार हैं। उन्होंने भगोड़े गैंगस्टर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनका झिंगाड़ा की गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। नवंबर 2009 में एक मुठभेड़ में झिंगाडा का भाई इमरान मारा गया था।