मुंबई: मुंबई पुलिस ने कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के दौरान महाराष्ट्र में किसी भी तरह के फेक न्यूज फैलान को लेकर एक सख्त गाइडलाइन्स जारी की है। जिसके मुताबिक वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक, टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया हैंडल्स से किसी भी तरीके का कोई दुष्प्रचार होगा तो उसके लिए जिम्मेदार शख्स पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बयान में कहा है, 'एडमिन के तौर पर सभी लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की गलत जानकारी फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जाएगा।' मुंबई पुलिस का यह ऑर्डर अब विवाद होने लगा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से इसपर तीखी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी ने मुबंई पुलिस के इस आदेश को आपातकाल के समान बताया है और कहा है कि यह बोलने की आजादी पर प्रतिबंध है।
मुंबई बीजेपी प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से 25 मई को ट्वीट करते हुए लिखा, "आपातकाल (इमरजेंसी) कांग्रेस और उसके सहयोगियों के डीएनए (DNA) में है। महाराष्ट्र में गैग आर्डर यानी बोलने की आजादी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है।'' अपने इस ट्वीट के साथ मुंबई बीजेपी प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने मुंबई पुलिस के ऑर्डर वाली कॉपी भी शेयर की है।
जानें मुंबई पुलिस ने ऑर्डर में क्या-क्या लिखा है?
23 मई 2020 को जारी मुंबई पुलिस ने अपने आदेश में लिखा है, "... यह देखा गया है कि मैसेज, वीडियो (चाहे वह एडिडेट हो या और खुद बनाया गया हो), फोटो या मीम्स (चाहे वह एडिडेट हो या और खुद बनाया गया हो), ऑडियो क्लिप, इंटरनेट संदेश के के रूप में फेक न्यूज, गलत सूचना और अन्य आपत्तिजनक सामग्री का काफी प्रसार किया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक, टिकटॉक, इंस्टाग्राम जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फेक न्यूज को काफी फैलाया जा रहा है। हमने पाया है कि इस तरह के कंटेंट से लोग भ्रमित हो रहे हैं और इसमें से अधिकतर कंटेंट सरकार के प्रति भड़काने वाले हैं। इससे जनता में सरकार के प्रति अविश्वास और अफवाह फैल रही है। सरकारी कार्यकारियों के प्रति अविश्वास और कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए किए गए उनके कार्यों के खिलाफ टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।''
इस आदेश को पुलिस उपायुक्त प्रणय अशोक द्वारा जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि मुंबई पुलिस सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के किसी भी ग्रुप में इस तरह की शेयर किए जाने पर उस ग्रुप के एडमिन को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराएगी और उनके खिलाफ एक्शन लिए जाएंगे।
मुंबई पुलिस ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि फेक न्यूज को पेडिंग करने से कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, जिससे मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा हो सकता है और सार्वजनिक शांति भी भंग हो सकती है।
मुंबई पुलिस का यह आदे 25 मई 2020 को 12 बजकर 15 बजे से लागू हो गया है और 8 जून 2020 तक जारी रहेगा।
अप्रैल में भी, मुंबई पुलिस ने इसी तरह का किया था आदेश जारी
कोविड-19 के फैलने पर मुंबई पुलिस ने अप्रैल महीने में भी ऐसा ही एक आदेश जारी किया था। जिसमें सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई थी। उस वक्त भी पुलिस ने अपने आदेश में वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक, टिकटॉक, इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया के इस तरह के अन्य मंचों पर संदेशों या पोस्ट के जरिये फर्जी सूचना के प्रसार को बैन कर दिया था।
पुलिस ने कहा था कि कि वॉट्सऐ ग्रुप के एडमिन (संचालक) किसी उपयोगकर्ता द्वारा ग्रुप में फर्जी सूचना भेजने के लिये आपराधिक रूप से जिम्मेदार होंगे। इसमें किसी खास समुदाय के खिलाफ अपमानजनक एवं भेदभावपूर्ण संदेशों या लोगों के बीच दहशत या भम्र पैदा करने वाली सामग्री को भी प्रतिबंधित किया गया है।