मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने 15 साल की एक लड़की के लिए 'आइटम' शब्द का इस्तेमाल कर उसका उत्पीड़न करने के आरोप में एक व्यक्ति को डेढ़ साल की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मामले में आरोपी को कम सजा सुनाने के अनुरोध से इनकार करते हुए कहा कि शख्स द्वारा की गई हड़कत किसी भी तरह से मान्य नहीं है।
कोर्ट ने कहा, 'किसी भी तरह से संबंधित नहीं होने और किसी भी तरह के रिश्ते में नहीं होने के बावजूद शख्स ने जिस तरह का काम किया, वह पूरी तरह से अनुचित था... 'आइटम' शब्द का उपयोग करके उसे संबोधित किया...आमतौर पर इसे लड़कों द्वारा लड़कियों को अपमानजनक तरीके से संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह उन्हें एक यौन तरीके से पेश करता है।'
मामले में दोषी मुंबई के साकीनाका इलाके से जुड़ा एक बिजनेसमैन है। शख्स ने अदालत से अच्छे व्यवहार के आधार पर कम सजा का अनुरोध किया था। बोरीवली की अदालत ने सात साल पुराने मामले में 20 अक्टूबर को अपने फैसले में कहा, 'किसी भी लड़की को संबोधित करने के लिए 'आइटम' शब्द का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से अपमानजनक है।'
ऐसे आरोप थे कि अबरार नूर मोहम्मद खान और उसके दोस्त कथित तौर पर लड़की को अक्सर परेशान करते थे। हालांकि, 14 जुलाई, 2015 की एक घटना के बाद लड़की और उसके माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर गए।
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया, 'लगभग 1.30 बजे लड़की कुछ काम के लिए अपने स्कूल गई थी। जब वह लगभग 2.10 बजे लौट रही थी और एक गली से जा रही थी... उसी दौरान वहां अपने दोस्तों के साथ बैठा खान उसके पीछे आया, उसके बाल खींचे और कहा 'क्या आइटम किधर जा रही हो'।
खान ने बाद में दावा किया था कि वह उस लड़की का दोस्त है और लड़की के माता-पिता ने झूठी शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि उन्हें दोनों की दोस्ती पसंद नहीं थी। हालांकि खान लड़की से दोस्ती के दावे को लेकर कोई सबूत नहीं पेश कर सका।
बहरहाल, मामले में अभियोजन पक्ष ने 'बड़े पैमाने पर समाज को एक उचित संदेश भेजने के लिए पर्याप्त सजा' की मांग कोर्ट से की और विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो लड़कियों के जीवन को मुश्किल बनाते हैं, उन्हें राह चलते छेड़ते हैं और सड़क पर चलने पर उन्हें अनुचित तरीके से छूने की कोशिश करते हैं।'
बहरहाल, अदालत ने मामले में अबरार नूर मोहम्मद खान को कुछ गंभीर और संबंधित आरोपों से बरी करते हुए यौन उत्पीड़न के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत डेढ़ साल की जेल और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत भी इसी तरह की सजा दी। दोनों सजाएं समानांतर चलेंगी, इसलिए वह केवल 18 महीने जेल की सजा काटेगा। गिरफ्तारी के बाद वह लगभग चार महीने पहले ही हिरासत में था, इस वजह से चार महीने की ये अवधि सजा से घटा दी जाएगी।