बाहुबली मुख्तार अंसारी पर और कसा शिकंजा, सगे संबंधियों की आठ करोड़ की संपत्ति लखनऊ में कुर्क
By भाषा | Published: December 18, 2022 08:43 AM2022-12-18T08:43:29+5:302022-12-18T08:52:21+5:30
मुख्तार अंसारी के परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों की करीब 8 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया है। इनमें अंसारी की मां राबिया खातून के नाम से लखनऊ में खरीदी गई जमीन भी शामिल है।
गाजीपुर: माफिया से नेता बने मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों की आठ करोड़ रुपये की संपत्ति लखनऊ में उत्तर प्रदेश गिरोहबंद अधिनियम के प्रावधानों के तहत कुर्क की गयी है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह ने पत्रकारों को बताया, 'मुख्तार अंसारी की मां राबिया खातून और अंसारी के करीबी सहयोगी तथा गिरोह के सदस्य एजाजुल अंसारी की पत्नी के नाम से लखनऊ के डालीबाग इलाके में खरीदे गये भूखंडों को कुर्क किया गया है।'
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई मोहम्मदाबाद के पुलिस क्षेत्राधिकारी एसबी सिंह के नेतृत्व में लखनऊ गई पुलिस टीम ने लखनऊ पुलिस आयुक्तालय की स्थानीय टीम की मदद से की। एसपी ने कहा कि अंसारी की संपत्ति की कुर्की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के आदेश के अनुसार की गयी। सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने अपने गिरोह की आपराधिक गतिविधियों से अर्जित धन का उपयोग करके ये संपत्ति खरीदी थी।
30 साल पुराने मामले में हाल में सुनाई गई थी सजा
मुख्तार अंसारी हत्या, रंगदारी वसूली समेत विभिन्न मामलों में इस वक्त बांदा जेल में बंद है। पिछले ही हफ्ते गाजीपुर की एमपी/एमएलए (सांसद/विधायक) अदालत ने कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई की हत्या के करीब 30 साल पुराने मामले में अंसारी और उसके एक साथी भीम सिंह को 10-10 साल की कैद की सजा सुनायी थी और उनपर पांच—पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अजय राय के भाई अवधेश राय की तीन अगस्त 1991 को हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि अजय राय अपने भाई अवधेश राय के साथ वाराणसी स्थित अपने मकान के गेट पर खड़े थे, तभी कार से आये मुख्तार अंसारी और उसके साथियों ने अवधेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चलायीं। अजय राय ने भी बचाव में अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोलियां चलायीं, जिसके बाद अंसारी और उसके साथी अपना वाहन छोड़कर भाग गए।
अजय राय गम्भीर रूप से घायल अपने भाई को कबीरचौरा स्थित अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत करार दिया। इसी मामले में मुख्तार अंसारी और भीम सिंह के विरुद्ध गाजीपुर कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था।