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एमपीएससी की परीक्षा फिर टाली गई : मंत्री बोले, उन्हें अंधेरे में रखा

By भाषा | Updated: March 11, 2021 22:22 IST

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मुंबई, 11 मार्च महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से सरकारी नौकरियों के लिए 14 मार्च को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा को बृहस्पतिवार को एक बार फिर टाल दिया, लेकिन संबंधित मंत्री ने दावा किया कि इस बाबत उनसे कभी सलाह-मशविरा नहीं किया गया।

राहत एवं पुनर्वास विभाग ने एक परिपत्र में निर्णय की घोषणा की है। इस फैसले का छात्रों ने विरोध किया और निर्णय की सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राकांपा तथा विपक्षी भाजपा ने भी आलोचना की है।

कांग्रेस के नेता और पुनर्वास मंत्री विजय वाडेत्तीवार ने दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें अंधेरे में रखा।

उन्होंने ट्वीट किया, “ “मेरे साथ इस मुद्दे पर चर्चा किए बिना ही सचिव स्तर पर यह निर्णय लिया गया है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता... इस मामले में जांच की जाएगी।”

इससे पहले यह परीक्षा पिछले साल अप्रैल में होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे अक्टूबर तक टाल दिया गया था। इसके बाद इस परीक्षा को मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने फैसले को लेकर सवाल किए हैं।

पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, “ अगर सरकार शादी समारोह, बजट सत्र और स्वास्थ्य विभाग के लिए परीक्षा लेने की इजाजत दे सकती है तो फिर एमपीएससी की परीक्षा को रद्द करना गलत है।”

भाजपा नेता देवेंद्र फणडवीस ने मांग की परीक्षा को रद्द करने का फैसला वापस लिया जाए।

उन्होंने ट्वीट किया, “ परीक्षा को पहले ही आगे बढ़ाया जा चुका है और इस वजह से कई छात्र मौका गवां देंगे जिन्होंने तैयारी में अपने कीमती साल लगाए हैं।”

फडणवीस ने यह भी कहा कि वाडेत्तीवार का दावा अस्वीकार्य है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने कहा, “ मैं विश्वास नहीं कर सकता कि मंत्री को बताए बिना इस तरह का महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया गया।”

राकांपा विधायक और पार्टी प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने ट्वीट किया कि परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से कराई जा सकती है।

परीक्षा को टाले जाने की खबर मिलने के बाद एमपीएससी के सैकड़ों अभ्यर्थियों ने पुणे में प्रदर्शन किया और शास्त्री रोड ब्लॉक कर दिया।

पुणे पिछले कुछ सालों में एमपीएससी और यूपीएससी की कोचिंग कक्षाओं के एक बड़े केंद्र के तौर पर उभरा है।

महेश बाडे नाम के अभ्यर्थी ने फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए कहा, “ क्या सरकार छात्रों के आत्महत्या करने का इंतजार कर रही है?”

भाजपा एमएलसी गोपीनाथ पाडल्कर भी प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं पुलिस छात्रों को हटाने की कोशिश कर रही थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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