एम्स में सांसदों को नहीं मिलेंगी विशेष सुविधाएं, वीआईपी ट्रीटमेंट के विरोध के बाद वापस लिया गया 'एसओपी'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 22, 2022 07:42 AM2022-10-22T07:42:21+5:302022-10-22T07:44:55+5:30
श्रीनिवास ने अपने पत्र में कहा था कि अस्पताल प्रशासन विभाग के ड्यूटी अधिकारी एम्स के नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे ताकि व्यवस्थाओं का समन्वय और उसे सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम की कई चिकित्सक संघों ने तीखी आलोचना की थी और इसे प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान में ‘‘वीआईपी संस्कृति’’ बताया था। शुक्रवार को अस्पताल प्रशासन ने पत्र वापस ले लिया।
नयी दिल्लीः दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सांसदों को अब विशेष सुविधाएं नहीं मिलेंगी। डॉक्टरों के भारी विरोध के बाद एम्स प्रशासन ने वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए जारी गाइडलाइन (एसओपी) वापस ले ली है। पिछले दिनों एम्स ने सांसदों के लिए उपचार सुविधाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) यानी गाइडलाइन जारी किया था जिसका कुछ चिकित्सकों ने विरोध किया था। विरोध के बाद इसे अब वापस ले लिया गया।
एम्स के निदेशक एम. श्रीनिवास ने लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव वाई. एम. कांडपाल को हाल ही में लिखे एक पत्र में ‘बाह्य रोगी विभाग’ (ओपीडी), आपातकालीन परामर्श और लोकसभा व राज्यसभा दोनों के मौजूदा सांसदों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए जारी एसओपी की जानकारी दी थी।
श्रीनिवास ने अपने पत्र में कहा था कि अस्पताल प्रशासन विभाग के ड्यूटी अधिकारी एम्स के नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे ताकि व्यवस्थाओं का समन्वय और उसे सुविधाजनक बनाया जा सके। इस कदम की कई चिकित्सक संघों ने तीखी आलोचना की थी और इसे प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान में ‘‘वीआईपी संस्कृति’’ बताया था। शुक्रवार को अस्पताल प्रशासन ने पत्र वापस ले लिया। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी देवनाथ साह द्वारा हस्ताक्षरित नवीनतम पत्र में लिखा गया है, ‘‘एम्स में सांसदों के लिए चिकित्सा व्यवस्था पर '17 अक्टूबर के पत्र' को तत्काल प्रभाव से वापस लिया माना जा सकता है।’’
इसके तुरंत बाद, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने ट्वीट किया, ‘‘तो, विशेष विशेषाधिकार वापस ले लिया गया। समर्थन करने वाले सभी पर गर्व है।’’ इसने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘कारण, तर्क और संकल्प की आवाज एक बड़ा बदलाव ला सकती है। हम सभी को उनके समर्थन और स्वास्थ्य सेवा में वीआईपी संस्कृति के खिलाफ खड़े होने के लिए धन्यवाद देते हैं। यह एक साझा सफलता है।’’
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने कहा, ‘‘हम हमेशा वीआईपी संस्कृति के खिलाफ खड़े होते हैं। हम अपने रुख से कभी समझौता नहीं करेंगे! ... निदेशक को सांसदों के लिए विशेष उपचार संबंधी पत्र वापस लेना पड़ा।’’ एफओआरडीए ने बृहस्पतिवार को एसओपी पर सवाल उठाया था और कहा था कि सांसदों को विशेष विशेषाधिकार आम मरीजों की कीमत पर आ सकता है।