एमपीएचआरसी ने रैगिंग सहित दो मामलों में मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

By भाषा | Published: November 7, 2020 04:23 PM2020-11-07T16:23:02+5:302020-11-07T16:23:02+5:30

MPHRC seeks report from Chief Secretary and concerned officials in two cases including ragging | एमपीएचआरसी ने रैगिंग सहित दो मामलों में मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

एमपीएचआरसी ने रैगिंग सहित दो मामलों में मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

जबलपुर, सात अक्टूबर मध्य प्रदेश मानव अधिकारी आयोग (एमपीएचआरसी) ने जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में कथित रैगिंग के कारण एक जूनियर डॉक्टर द्वारा आत्महत्या किए जाने और बैतूल की जेल में एक कैदी द्वारा खराब खाने की शिकायत के कारण खुदकुशी की कोशिश करने के मामले में मुख्य सचिव और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले की चांपा तहसील के राहौद गांव के निवासी भगवत देवांगन (26) ने जबलपुर के मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एक अक्टूबर को आत्महत्या कर ली थी, वह यहां चिकित्सा स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे।

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों मामलों में स्वयं संज्ञान लेते एमपीएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन के जैन ने शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

अधिकारी के मुताबिक जबलपुर के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय में भगवत देवांगन द्वारा विगत माह एक अक्टूबर को आत्महत्या कर लेने के मामले में पांच वरिष्ठ छात्रों विकास द्विवेदी, अमन गौतम, सलमान, शुभम शिंदे, अभिषेक गेमे के खिलाफ भादंवि की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि भगवत के भाइयों ने पांचों वरिष्ठ छात्रों के खिलाफ जबलपुर शहर के गढ़ा थाने में लिखित शिकायत कर प्रताड़ना का आरोप लगाया था और मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन को भी शिकायत की गई थी जिसकी जांच रैगिंग निरोधी समिति भी कर रही है।

अधिकारी ने बताया कि भगवत के बड़े भाई प्रहलाद और छोटे भाई देवी देवांगन ने गढ़ा थाने में शिकायत की थी कि पांचों आरोपी ‘सोशल ग्रुप’ में भी उसे लेकर काफी आपत्तिजनक पोस्ट करते थे, उससे 24-24 घंटे की ड्यूटी लेते थे, उसके साथ आपत्तिजनक बर्ताव करते थे, कई बार सज़ा के तौर पर भगवत को मुर्गा बना देते थे और उसके साथ मारपीट भी करते थे।

उन्होंने बताया कि भगवत देवांगन ने जुलाई में पीजी ऑर्थोपेडिक-2020 के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था जबकि एमबीबीएस उसने पुणे स्थित मेडिकल कॉलेज से किया था।

उन्होंने बताया कि पांचों वरिष्ठ छात्रों की कथित प्रताड़ना से भगवत ने तनाव में आकर सितम्बर में बड़ी मात्रा में दवाएं खा ली थी, इसके बाद वह एक महीने तक घर रहा, तब भी उसके मोबाइल पर आरोपी छात्रों के आपत्तिजनक संदेश आते थे।

अधिकारी ने बताया कि 25 सितम्बर को भगवत जबलपुर लौटा था और एक अक्टूबर को दोपहर में मेडिकल कॉलेज हॉस्टल संख्या-3 में फंदा लगाकर उसने कथित तौर पर ख़ुदकुशी कर ली।

उन्होंने बताया कि इस मामले में आयोग ने मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, स्वास्थ्य विभाग तथा नेताजी सुभाष चन्द्र मेडिकल कॉलेज जबलपुर के अधीक्षक से एक माह में रिपोर्ट मांगी है।

अधिकारी ने बताया कि आयोग ने यह भी पूछा है कि मृतक के परिवार को क्या कोई कानूनी/आर्थिक मदद दी गई अथवा नहीं ?

उन्होंने बताया कि आयोग ने पुलिस अधीक्षक, जबलपुर से भी प्रतिवेदन मांगकर पूछा है कि इस प्रकरण में भादंवि की धारा 306 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया अथवा नहीं?

इसके अलावा एक अन्य घटना में बैतूल जिला जेल में बीते मंगलवार को एक कैदी दुलारी ने खुदकुशी की कोशिश की। कम और खराब भोजन दिये जाने का आरोप लगाते हुये दुराचार के मामले में सज़ायाफ्ता कैदी ने दोपहर में भोजन के दौरान गिलास से वार कर गला काटने की कोशिश की। उसे जिला अस्पताल लाकर इलाज के बाद वापस जेल ले जाया गया है।

उल्लेखनीय है कि विगत 21 अक्टूबर को कैदी मंटू और बृजेश ने भी खराब एवं कम भोजन तथा प्रताड़ित किये जाने की शिकायत करते हुये शौचालय साफ करने में इस्तेमाल होने वाला रसायन पी लिया था। दोनों को जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था। भोपाल में इलाज के दौरान कैदी मंटू की मौत हो गई थी।

इस मामले में भी आयोग ने जिला जेल अधीक्षक, बैतूल से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

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Web Title: MPHRC seeks report from Chief Secretary and concerned officials in two cases including ragging

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