सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एमपी पुलिस पर निशाना साधते हुए लपेट लिया शिवराज सरकार को, बोलीं- "पुलिस को पैसा देने के लिए गरीब बेच रहे हैं बेटियां"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 20, 2022 07:06 PM2022-09-20T19:06:08+5:302022-09-20T19:11:15+5:30
भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एमपी पुलिस पर आरोप लगाया है कि बतौर सांसद उनके द्वारा गोद लिए गए तीन गांवों में रहने वाले निर्धन लोगों को अपनी बेटियों को महज इसलिए बेचना पड़ रहा है क्योकि उन्हें पुलिस वालों को पैसे देने होते हैं।
भोपाल: विवादित बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाली भोपाल की लोकसभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मध्य प्रदेश पुलिस की आलोचना करते हुए ऐसा बयान दे दिया, जिससे शिवराज सिंह चौहान सरकार की बड़ी फजीहत हो रही है।
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एमपी पुलिस पर आरोप लगाया है कि बतौर सांसद उनके द्वारा गोद लिए गए तीन गांवों में रहने वाले निर्धन लोगों को अपनी बेटियों को मजह इसलिए बेचना पड़ रहा है क्योकि उन्हें पुलिस वालों को पैसे देने होते हैं।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के मुताबिक सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने शनिवार को यह सनसनीखेज आरोप भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में लगाया। सांसद ठाकुर ने कहा कि उनके द्वारा गोद लिये गये तीन गांव के लोग अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर हैं, ताकि वे जिंदा रहने के लिए अवैध शराब बेचते हुए पकड़े न जा सकें।
इसके साथ ही प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, "गांवों के लोग गरीब हैं, कोई रोजगार नहीं है उनके पास। इसलिए वो अपने घरों में कच्ची शराब बनाकर अपनी जिंदगी का गुजारा करते हैं। पुलिस अक्सर उनके घरों पर छापा मारती है और उन्हें पकड़ती है। पकड़े गये लोगों को छुड़ाने के लिए वो अपनी बेटियों को बेच देते हैं और फिर पुलिस को पैसे देकर छुटते हैं।"
सांसद प्रज्ञा ठाकुर के इस आरोप पर मध्य प्रदेशकांग्रेस की प्रवक्ता और राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता शर्मा ने कहा, "सांसद महोदया के आरोप बेहद दुखद, निंदनीय और गंभीर हैं। मध्य प्रदेश में बीते 18 सालों से शिवराज सिंह चौहान सरकार चला रहे हैं। भाजपा 'बेटी पढाओ, बेटी बचाओ' अभियान की सफलता का दावा करती है। उसके बाद भी ऐसी स्थिति राज्य की राजधानी भोपाल में है।"
वहीं प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर डैमेज कंट्रोल करते हुए सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन्हें सांसद ठाकुर द्वारा लगाये गये आरोपों की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा कोई वाकया है तो उन्हें मुझे बताना चाहिए था। हम विषय की जांच करवाते और समुचित कानून बनवाते।"