MP Ki Khabar: इंदौर सांसद शंकर लालवानी के परिवार के दो सदस्य कोरोना पॉजिटिव
By मुकेश मिश्रा | Published: July 25, 2020 04:02 PM2020-07-25T16:02:20+5:302020-07-25T16:02:20+5:30
लॉकडाउन खुलने के बाद अब मरीज ऐसे इलाको से भी सामने आने लगे है जो लॉकडाउन के समय ग्रीन झोन थे. शुक्रवार को जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार 153 नए मरीज समाने आए है.
इंदौर: इंदौर सांसद शंकर लालावानी के भाई भाभी और भतीजी कोरोना पॉजिटिव आए है. जिसके बाद सांसद भी होम क्वारंटाइन हो गए है. वही पूर्व महापौर और विधायक श्रीमति मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड भी क्वारंटाइन हो गयी है. वे मुख्यमंत्री से मिलने भोपाल गई थी.दूसरी ओर शहर के एक थाना प्रभारी और तीन पुलिस कर्मी भी संक्रमित पाए गए है. उन्हें ईलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6709 पर पहुंच गयी है. वही 303 लोगों की जान इस बीमारी से जा चूकी है.
जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. लॉकडाउन खुलने के बाद अब मरीज ऐसे इलाको से भी सामने आने लगे है जो लॉकडाउन के समय ग्रीन झोन थे. शुक्रवार को जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार 153 नए मरीज समाने आए है. इन नए मरीजों में सांसद शंकर लालवानी के भाई भाभी और भतीजी का नाम भी जुड़ गया है. परिवार के सदस्यों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सांसद लालवानी भी क्वारंटाइन हो गए है. कोरोना जांच के लिए उन्होनें भी अपना स्वाब का सैम्पल दिया है. हॉलकि सांसद का कहना है कि वे परिजनों से मिलने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहे है और कोरोना के कोई लक्षण भी नजर नहीं आ रहे हैं.
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद इन्दौर शहर की पूर्व महापौर और विधायक श्रीमति मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड भी होम क्वारंटाइन हो गयी है. वे 21 जुलाई को मुख्यमंत्री से मिलने भोपाल गई थी. तुकोगंज थाने के तत्कालीन टीआई निर्मल श्रीवास और एमजी रोड थाने के एक प्रधान आरक्षक व दो आरक्षकों भी कोरोना संक्रमित पाए गए है. चार दिन जांच के लिए सैंपल दिए थे।
सीएमएचओं कार्यालय से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी तक जिले में 128422 सैंपलों की जांच की जा चुकी है, इनमें 6709 लोग संक्रमित पाए गए हैं. जबकि 303 मरीजों की जान जा चुकी है. अब तक 4603 मरीज कोरोना को मात देकर घर लौट चुके हैं. होटल गार्डन में क्वारंटाइन 5015 लोग भी घर लौट चुके हैं. वहीं, 1803 लोग अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं.