सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिग्विजय सिंह की याचिका पर मप्र उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

By भाषा | Published: June 7, 2021 07:05 PM2021-06-07T19:05:16+5:302021-06-07T19:05:16+5:30

MP High Court seeks reply on Digvijay Singh's plea regarding communal violence | सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिग्विजय सिंह की याचिका पर मप्र उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दिग्विजय सिंह की याचिका पर मप्र उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

इंदौर, सात जून मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 की सांप्रदायिक हिंसा की कुछ घटनाओं को लेकर राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की दायर जनहित याचिका पर सोमवार को राज्य सरकार से जवाब तलब किया। ये घटनाएं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कथित तौर पर चंदा जुटाने के अभियान से जुड़ी रैलियों के दौरान राज्य के पश्चिमी हिस्से में हुई थीं।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति सुजय पॉल ने सिंह की याचिका पर प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों को छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। इनमें प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ ही पुलिस और प्रशासन के इंदौर, उज्जैन और मंदसौर जिलों में पदस्थ अधिकारी शामिल हैं जहां पिछले साल दिसंबर में हिंसक घटनाएं सामने आई थीं।

याचिका पर 20 जुलाई को अगली सुनवाई हो सकती है।

इस याचिका में तीनों जिलों की हिंसक घटनाओं के वीडियो प्रस्तुत करते हुए सिंह की ओर से आरोप लगाया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने की आड़ में कुछ संगठनों के हथियारबंद सदस्यों ने अल्पसंख्यक समुदाय के इलाकों में अपना दबदबा दिखाने की खातिर भड़काऊ नारेबाजी की और इस समुदाय को निशाना बनाते हुए सांप्रदायिक सद्भाव भंग किया।

याचिका में दावा किया गया है कि सांप्रदायिक हिंसा की इन घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग घायल हो गए और उनकी अचल संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया है कि वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के "पवित्र कार्य" का समर्थन करते हैं।

इस बीच, सिंह के वकील रवींद्र सिंह छाबड़ा ने पीटीआई-भाषा से कहा, "मेरे मुवक्किल ने अपनी जनहित याचिका में शीर्ष अदालत की एक अहम नजीर का हवाला दिया है और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से ऐसे उचित निर्देश जारी करने की गुहार की है जिनके पालन से किसी भी धर्म-संप्रदाय के संगठन द्वारा भविष्य में कोई रैली निकाले जाने के दौरान राज्य में सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बरकरार रह सके।"

उन्होंने बताया कि 33 पन्नों की याचिका में पुलिस और प्रशासन के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश का निवेदन किया गया है। याचिका में दिसंबर 2020 की हिंसक घटनाओं के कारण शारीरिक और आर्थिक नुकसान उठाने वाले लोगों को उचित मुआवजा दिलवाने का आग्रह भी किया गया है।

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Web Title: MP High Court seeks reply on Digvijay Singh's plea regarding communal violence

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