जबलपुर (मध्य प्रदेश), 21 दिसंबर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश में अगले साल जनवरी-फरवरी में होने वाली त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर मंगलवार को अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन प्रदेश सरकार एवं राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के वकील ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दमोह जिले की रहने वाली डॉ. जया ठाकुर और छिंदवाड़ा जिले के निवासी जफर सैयद की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिये हैं।
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के वकील सिद्धार्थ सेठ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ तथा न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने संविधान के अनुच्छेद 243 (ओ) का हवाला देते हुए मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने से इकार कर दिया और कहा कि चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ होने पर अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकता है, क्योंकि यह एक संवैधानिक प्रकिया है।
उन्होंने कहा कि याचिककर्ताओं ने प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रकिया का पालन नहीं किये जाने के खिलाफ अदालत में ये याचिकाएं दायर की थीं।
सेठ ने कहा कि हालांकि, अदालत ने राज्य सरकार और मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर याचिका पर उनका जवाब मांगा है।
उन्होंने कहा कि अब इन याचिकाओं पर तीन जनवरी को पंचायत चुनाव से संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई होगी।
मालूम हो कि प्रदेश की त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान अगले साल तीन चरणों में 6 जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को होने हैं। भोपाल निवासी मनमोहन नायर तथा गाडरवाडा निवासी संदीप पटेल सहित अन्य पांच याचिकाएं दायर कर पहले ही चुनाव को अदालत में चुनौती दे चुके हैं।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर अंतरिम रोक लगाने वाली इनकी याचिकाओं को नौ दिसंबर को खारिज कर दिया था और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर याचिककर्ताओं द्वारा उठाये गये सवालों पर चार सप्ताह में जवाब भी मांगा था।
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