मोटर वाहन अधिनियमः तय जुर्माने को कम नहीं कर सकते राज्य, लेनी होगी राष्ट्रपति की सहमति, जानिए केंद्र सरकार ने क्या कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 7, 2020 20:12 IST2020-01-07T20:12:30+5:302020-01-07T20:12:30+5:30

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को भेजे परामर्श में कहा कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 संसद से पारित कानून है। राज्य सरकारें अधिनियम में तय जुर्माने की सीमा को घटाने को लेकर कोई कानून पास नहीं कर सकती हैं और न ही कार्यकारी आदेश जारी कर सकती हैं।

Motor Vehicles Act: States cannot reduce fixed fines, must take President's consent, know what the central government said | मोटर वाहन अधिनियमः तय जुर्माने को कम नहीं कर सकते राज्य, लेनी होगी राष्ट्रपति की सहमति, जानिए केंद्र सरकार ने क्या कहा

नया मोटर वाहन अधिनियम एक सितंबर 2019 से लागू है। इसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर प्रावधानों को कड़ा किया गया है।

Highlightsजुर्माने को तय सीमा से कम करने के लिये उन्हें अपने संबंधित राज्य के कानून पर राष्ट्रपति की सहमति लेनी होगी।मंत्रालय ने इस मुद्दे पर विधि मंत्रालय से कानूनी सलाह मांगी थी क्योंकि कई राज्यों ने कुछ मामलों में जुर्माने की राशि को कम कर दिया।

केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि कोई भी राज्य नए मोटर वाहन अधिनियम में तय किये गये जुर्माने की उसकी निर्धारित सीमा से कम नहीं कर सकता है।

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को भेजे परामर्श में कहा कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 संसद से पारित कानून है। राज्य सरकारें अधिनियम में तय जुर्माने की सीमा को घटाने को लेकर कोई कानून पास नहीं कर सकती हैं और न ही कार्यकारी आदेश जारी कर सकती हैं। जुर्माने को तय सीमा से कम करने के लिये उन्हें अपने संबंधित राज्य के कानून पर राष्ट्रपति की सहमति लेनी होगी।

परिवहन मंत्रालय ने इस मुद्दे पर विधि मंत्रालय से कानूनी सलाह मांगी थी क्योंकि कई राज्यों ने कुछ मामलों में जुर्माने की राशि को कम कर दिया। नया मोटर वाहन अधिनियम एक सितंबर 2019 से लागू है। इसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर प्रावधानों को कड़ा किया गया है।

मंत्रालय ने परामर्श में कहा , " विधि एवं न्याय मंत्रालय ने भारत के अटॉर्नी जनरल से उनका मत लेने के बाद सलाह दी है। अटॉर्नी जनरल का मानना है कि मोटर वाहन अधिनियम , 1988 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के जरिये संशोधित किया गया है।

यह एक संसदीय कानून है और राज्य सरकारें इसमें तय जुर्माने की सीमा को कम करने के लिए तब तक कानून पारित या कार्यकारी आदेश जारी नहीं कर सकती हैं जब तक कि वह संबंधित कानून पर राष्ट्रपति की सहमति नहीं प्राप्त कर लें।

सरकार ने इससे पहले कहा था कि गुजरात , कर्नाटक , मणिपुर और उत्तराखंड ने कुछ अपराधों में जुर्माने की रकम को कम किया था। राज्यों के प्रधान सचिवों को भेजे इस परामर्श में इस कानूनी राय को भी बताया गया है कि राज्यों के इस कानून को क्रियान्वयन में लाने में असफल रहने की स्थिति में संविधान की धारा 256 के तहत केन्द्र सरकार को संबंधित कार्य के लिये राज्यों को जरूरी निर्देश देने का अधिकार है। 

Web Title: Motor Vehicles Act: States cannot reduce fixed fines, must take President's consent, know what the central government said

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