दुश्मन के ड्रोन अभियानों से मुकाबले के लिये अनुसंधान, प्रौद्योगिकी में ज्यादा निवेश की जरूरत: डीएफआई

By भाषा | Updated: June 28, 2021 19:47 IST2021-06-28T19:47:55+5:302021-06-28T19:47:55+5:30

More investment in research, technology needed to counter enemy drone missions: DFI | दुश्मन के ड्रोन अभियानों से मुकाबले के लिये अनुसंधान, प्रौद्योगिकी में ज्यादा निवेश की जरूरत: डीएफआई

दुश्मन के ड्रोन अभियानों से मुकाबले के लिये अनुसंधान, प्रौद्योगिकी में ज्यादा निवेश की जरूरत: डीएफआई

नयी दिल्ली, 28 जून ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारत को ड्रोन रोधी अनुसंधान और प्रौद्योगिकी तथा दुश्मन ड्रोन अभियानों के संचालन की वजह से बढ़ती चिंताओं के निराकरण के लिये इस दिशा में ज्यादा निवेश करने की जरूरत है।

उनका यह बयान जम्मू हवाईअड्डे पर वायुसेना केंद्र पर ड्रोन द्वारा दो बम गिराए जाने की घटना के सामने आने के बाद आया है। इस हमले में वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गए थे।

वहीं जम्मू के रत्नुचक-कालूचक सैन्य इलाकों में दो ड्रोन मंडराते देख सतर्क सुरक्षा बलों ने सोमवार को उन पर गोली चलाई।

डीएफआई के निदेशक-साझेदारी, स्मित शाह ने कहा कि दुश्मन ड्रोन से होने वाली सुरक्षा चिंताओं का समाधान किसी भी सख्त नियम से नहीं हो सकता।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “कोई व्यक्ति अगर देश के किसी हिस्से में ड्रोन बनाना और उड़ाना चाहे तो उसके पास ऐसा करने की भौतिक क्षमता है। इस चुनौती (शत्रु ड्रोन की) से निपटने के लिये हमें ड्रोन रोधी अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में और निवेश करने तथा इस क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।”

उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में कुछ कंपनियां खुद अनुसंधान कर रही हैं और कुछ कंपनियां विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रही हैं लेकिन इस क्षेत्र में और ध्यान केंद्रित किये जाने की जरूरत है।

ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी में रडार, रेडियो-आवृत्ति उपकरणों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल विधियों, ध्वनिक तंत्र या संयुक्त संवेदक तकनीक का इस्तेमाल करती है।

शाह ने कहा कि देश के मौजूदा कानूनों को प्राथमिक रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नुकसान पहुंचाने या तबाही मचा सकने के लिये इस्तेमाल होने वाले पदार्थ का समुचित तौर पर पता लगाया जा सके और यह उन लोगों के हाथ न लगे जिनके लिये यह नहीं है।

डीएफआई एक औद्योगिक निकाय है जिसमें एस्टीरिया ऐरोस्पेस, क्विडिच इनोवेशन लैब, ऑटोमाइक्रोयूएएस, आरव अनमैन्ड सिस्टम्स और इंड्रोन्स जैसी कंपनियां सदस्य हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: More investment in research, technology needed to counter enemy drone missions: DFI

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे