कर्नाटक पर भाजपा ने कहा, गठबंधन सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी और ‘‘कुछ विकल्प’’ सामने आएंगे
By भाषा | Published: June 21, 2019 08:14 PM2019-06-21T20:14:53+5:302019-06-21T20:14:53+5:30
भाजपा के महासचिव और पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी पी मुरलीधर राव ने कहा कि गठबंधन ने जनादेश खो दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न दलों के विधायक मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी और ‘‘कुछ विकल्प’’ सामने आयेंगे, हालांकि मध्यावधि चुनाव की संभावना नहीं दिखती।
भाजपा के महासचिव और पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी पी मुरलीधर राव ने कहा कि गठबंधन ने जनादेश खो दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न दलों के विधायक मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के इस बयान पर कि राज्य में मध्यावधि चुनाव को लेकर कोई संदेह नहीं है, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये राव ने कहा कि इस पार्टी के महज 37 विधायक हैं और उनके पास विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की शक्ति नहीं है।
Media Conference at BJP Telangana State office in Hyderabad. pic.twitter.com/DptsTuHKfF
— P Muralidhar Rao (@PMuralidharRao) June 21, 2019
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की संभावना नहीं दिखती। भाजपा इसकी सिफारिश नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मेरे विचार से मौजूदा सरकार जनादेश खो चुकी है। लोगों ने इस गठबंधन को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस और तेदेपा के और सदस्य भाजपा के संपर्क में: मुरलीधर राव
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के चार राज्यसभा सदस्यों के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद शुक्रवार को पार्टी के महासचिव पी मुरलीधर राव ने दावा किया कि कई अन्य नेता भी पार्टी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो साल में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भाजपा मुख्य विपक्षी दल का स्थान ले लेगी।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आने वाले दिनो में तेलंगाना और आंध प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में व्यापक बदलाव होंगे। अगले दो वर्षों में इन दोनों तेलुगू भाषी राज्यों में भाजपा ही एकमात्र पार्टी होगी जो विपक्ष का स्थान लेगी।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब तेलुगू देशम पार्टी के छह राज्यसभा सदस्यों में से चार गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए और उन्होंने उच्च सदन में तेदेपा के संसदीय दल के विलय का प्रस्ताव सभापति को सौंपा। तेलंगाना में कांग्रेस को भी तगड़ा झटका लग चुका है। यहां कांग्रेस के 18 में से 12 विधायक सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल हुए। राव ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस तेजी से गायब हो रही है। हर दिन, हर घंटे वह कम हो रही है।