मानसून सत्र: विपक्ष को साधने की मोदी सरकार की खास प्लानिंग, अविश्वास प्रस्ताव का मिल सकता है फायदा!
By पल्लवी कुमारी | Updated: July 19, 2018 05:22 IST2018-07-19T05:22:05+5:302018-07-19T05:22:05+5:30
पिछले चार वर्षो में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार के खिलाफ पेश किये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा।

मानसून सत्र: विपक्ष को साधने की मोदी सरकार की खास प्लानिंग, अविश्वास प्रस्ताव का मिल सकता है फायदा!
नई दिल्ली, 19 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का मोदी सरकार और विपक्ष दोनों ही फायदा उठाने की फिराक में हैं। केन्द्र सरकार और विपक्ष दोनों ही इसके लिए प्लानिंग में भी लग गए हैं। सरकार सोचती है कि अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद सरकार के पक्ष में जनता में सकारात्मक मैसेज जाएगा तो वहीं, विपक्ष का मानना है कि चर्चा के दौरान मोदी सरकार को सिर्फ विपक्षियों का ही नहीं बल्कि अपने सहयोगी दलों का भी सामना करना पड़ेगा। जिसका उन्हें सीधे तौर पर फायदा मिल सकता है।
सरकार ने मानसून सत्र में संसद की कार्यवाही के पहले दिन ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए हामी भर दी। 20 जुलाई शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की जाएगी। लोकसभा में 535 में से एनडीए के पास 312 सांसद है। ऐसे में मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से निपटने में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मोदी सरकार ने अपने पिछले चार साल में सरकार की उपलब्धियों की जानकारी संभावित मतदाताओं तक पहुंचाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। मोदी सरकार इसके साथ ही बहुत सारे राजनीतिक मुद्दों पर विपक्ष को घरेने के लिए तैयार है।
बीजेपी के सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार अपने प्रभावशाली वक्ताओं को विपक्ष पर हमला करने के लिए लेकर आएगी। हालांकि बीजेपी ने अभी कर वक्ताओं के नामों की लिस्ट तैयार नहीं की है। मोदी सरकार केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद को विरोधियों के सामने खड़ी करेगी। वहीं खबर है कि रामविलास पासवान दलित मुद्दों पर सरकार का पक्ष रख सकते हैं। इसके साथ ही अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर सरकार की ओर से जानकारी देंगी।
कल संसद में पेश होगा मोदी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव, 7 घण्टे तक होगी बहस, फिर होगा मत विभाजन
सूत्रों के मुताबिक बहस में अंतिम वक्ता के तौर पर पीएण मोदी का भाषण होगा। जिसमें वह कांग्रेस को निशाना बनाने और बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के एकजुट होने तीन तलाक, किसानों के हित में काम और सर्जिकल स्ट्राइकल जैसे मुद्दों को शामिल करेंगे। दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा है कि शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा के दौरान विभिन्न मोर्चों पर नरेन्द्र मोदी सरकार की 'विफलताओं और जुमलों को उजागर करेगी और उसे उम्मीद है कि इस प्रस्ताव पर वह 'सफल’’ रहेगी।
संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को चर्चा एवं मतविभाजन के लिए स्वीकार कर लिया। इस पर शुक्रवार को चर्चा होगी।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, 'किसने कहा कि हमारे पास संख्या नहीं है।' पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, 'हम खुश हैं कि लोकसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया है।
यह पूछे जाने पर कि संख्याबल नहीं होने की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस को क्या उम्मीद है तो संवाददाता सम्मेलन में मौजूद पार्टी नेता राजीव सातव ने कहा, 'ये सरकार पूरी तरह से विफल रही है,इसलिए 20 तारीख को हमारी जो अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा रहेगी, उसमें हम ये बातें रखेंगे और हमें विश्वास है कि हम अविश्वास प्रस्ताव पर पूरी तरह से सफल रहेंगे।' वेणुगोपाल ने मोदी सरकार पर 'पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि रोजगार, कृषि क्षेत्र में संकट, महिला सुरक्षा, लोकपाल की नियुक्ति नहीं होना, दलितों पर हमले और एससी-एसटी कानून को कमजोर करना, बैंकिंग क्षेत्र के घोटालों, जम्मू-कश्मीर की स्थिति, महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी तथा आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की मांग पूरी नहीं होने के मुद्दे चर्चा के दौरान उठेंगे।
गौरतलब है कि पिछले चार वर्षो में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार के खिलाफ पेश किये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई (शुक्रवार) को चर्चा और मत विभाजन होगा । इस पर पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन वोटिंग होगी।’’ सदस्यों की ओर से चर्चा के लिए कुछ और समय बढ़ाने की मांग पर स्पीकर ने कहा कि सात घंटे का समय चर्चा के लिये रखा गया है। इस दिन प्रश्नकाल नहीं चलेगा और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
( भाषा इनपुट)
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