तिरुवनंतपुरम तीन जून दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल पहुंचने के साथ ही बृहस्पतिवार को राज्य के कई क्षेत्रों के अलावा पड़ोसी लक्षद्वीप के अधिकतर इलाकों में भी बारिश हुई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक बृहस्पतिवार से शनिवार तक केरल के कुछ इलाकों में सात से 11 सेंटीमीटर तक बारिश होने का अनुमान है।
इस बार मानसून दो दिन की देरी से पहुंचा है। आम तौर पर चार महीने तक चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत केरल में एक जून से होती है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने कहा, ‘‘ केरल के दक्षिणी हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी है।’’
मानसून की औपचारिक शुरुआत के लिए आवश्यक मानदंड के बारे में जानकारी देते हुए आईएमडी ने बताया कि बारिश दर्ज करने वाले 14 वर्षा निगरानी केन्द्रों में से 60 प्रतिशत से अधिक केन्द्रों ने पिछले दो दिन के दौरान 2.5 मिलीमीटर अथवा उससे अधिक वर्षा दर्ज की है।
आईएमडी की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक अगले दो दिन के भीतर दक्षिण पश्चिम मानसून के दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों, मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के शेष हिस्सों और लक्षद्वीप, तमिलनाडु तथा पुडुचेरी के कुछ अन्य हिस्सों, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों और रायलसीमा के अलावा दक्षिण तथा मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में पहुंचने का अनुमान है।
पिछले छह वर्षों के दौरान यह तीसरी बार है जब मानसून देर से पहुंचा है। इससे पहले 2016 और 2019 में मानसून ने आठ जून को केरल में दस्तक दी थी।
आईएमडी ने इससे पहले मानसून के 31 मई तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया था।
कायमकुलम (अलापुझा जिला), व्यथिरी (वायनाड) और चिमोनी (त्रिशूर) में तीन-तीन सेंटीमीटर बारिश हुई जबकि कोल्लम, कुप्पडी और विलांगनकुन्नू में दो-दो सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गयी।
मौसम विभाग के मुताबिक केरल और लक्षद्वीप के अधिकतर क्षेत्रों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। पठानमथिट्टा, अलापुझा, कोट्टयम, एर्नाकुलम, इदुक्की, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड समेत आठ जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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