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Monsoon 2022: इस साल कैसा रहेगा मॉनसून, कितनी होगी बारिश, मौसम विशेषज्ञों ने दी सारी जानकारी

By रुस्तम राणा | Updated: February 21, 2022 15:34 IST

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल मॉनसून सामान्य रहने के संकेत दे रहा है। विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि शुरूआती मॉनसून अच्छा रहेगा, जिसमें अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।

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ठळक मुद्देमौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने दी मॉनसून 2022 की जानकारीकहा, इस बार मॉनसून की शुरूआत में होगी अच्छी बारिश

नई दिल्ली: साल 2022 में मॉनसून कैसा रहने वाला है? मॉनसून में इस बार कितनी बारिश होगी? खरीब की फसलों के लिए मॉनसून ठीक रहेगा या नहीं? मौसम विशेषज्ञों ने मॉनसून 2022 का पूर्वानुमान लगाते हुए इन सब सवालों की जानकारी दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस साल मॉनसून सामान्य रहने के संकेत कर रहा है। विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि शुरूआती मॉनसून अच्छा रहेगा, जिसमें अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। किसानों को इससे फायदा पहुंचेगा। उनकी फसलों के लिए यह बारिश बेहद उपयोगी होगी। 

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने दी मॉनसून 2022 की जानकारी

निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट (Skymet) ने साल 2022 के लिए प्रारंभिक मॉनसून पूर्वानुमान मार्गदर्शन को जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा। एजेंसी के वॉइस प्रेसीडेंस और मौसम वैज्ञानिक डॉ. पालावत ने एक न्यूज वेबसाइट से कहा कि जलवायु पैटर्न ला नीना नीनो धीरे-धीरे कम हो रहा है और तटस्थ स्थिति में जा रहा है। मॉनसून की शुरूआत में होगी अच्छी बारिश

उन्होंने आगे कहा कि इसका असर मॉनसून पर नेगेटिव नहीं पड़ेगा। पिछले दो मॉनसून अच्‍छे रहे हैं। उन्होंने बताया कि मॉनसून की शुरुआत में हमें अच्‍छी बारिश देखने को मिलेगी, हालांकि अगस्‍त और सितंबर मध्‍य में कम बारिश देखने को मिल सकती है, लेकिन कुछ मिलाकर मॉनसून सामान्‍य रहने की संभावना है।

मॉनसून को लेकर किसानों के चेहरे में नहीं होगी मायूसी

उन्होंने कहा कि अगर बारिश की शुरूआत समय पर होती है तो यह मॉनसून किसानों और उनकी फसलों के लिए अनुकूल हो सकता है। शुरूआती मॉनसून बेहतर ही रहेगा। ला नीना कमजोर ही रहेगा और फसलों को लेकर किसानों के लिए मायूसी नहीं रहेगी। वह कहते हैं कि स्काईमेट अप्रैल महीने में मॉनसून 2022 की संभावनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।

मौसम वैज्ञानिक ने कहा, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान की नकारात्मक स्थितियां कमजोर हो रही हैं। प्रशांत महासागर की यह स्थितियां, खराब मॉनसून की संभावना नहीं बनाती हैं लेकिन तटस्थ सीमाओं के भीतर सामान्य या अधिक वर्षा का कारण नहीं बन सकती हैं।

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