मोईन कुरैशी केस: CBI चाहती है गिरफ्तार देवेंद्र कुमार की 10 दिनों की रिमांड, अस्थाना ने भी ली कोर्ट की शरण
By रामदीप मिश्रा | Published: October 23, 2018 01:47 PM2018-10-23T13:47:34+5:302018-10-23T13:48:18+5:30
मालूम हो कि जांच एजेंसी ने रविवार को देवेंद्र के घर पर छापा मारा था। वहीं, जांच ऐजेंसी के नंबर एक और दो नंबर के अधिकारियों पर उठी उंगली के बाद मामले में सीधा संज्ञान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है और सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और उनके उपनिदेशक को तलब किया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मांस कारोबारी मोईन कुरैशी मामले को लेकर अपने ही डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को 22 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसने मंगलवार (23 अक्टूबर) को गिरफ्तार किए गए देवेंद्र कुमार के लिए 10 दिन के रिमांड की मांग की है, जबकि देवेंद्र कुमार के वकील ने दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में जमानत की अर्जी दी है।
CBI seeks 10 days remand of CBI Dy SP Devender Kumar. Devender Kumar's lawyer has moved bail plea in Delhi's Patiala House Court.
— ANI (@ANI) October 23, 2018
इधर, मामला बढ़ने के बाद सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने भी कोर्ट की शरण ली है और दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका दायर कर कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किया जाए और उनके खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाए।
Rakesh Asthana also moved petition in Delhi High Court seeking quashing of the CBI's FIR against him and that no coercive steps be taken against him. pic.twitter.com/oiJsUtWzzF
— ANI (@ANI) October 23, 2018
दरअसल, राकेश अस्थाना पर आरोप है कि मांस कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में जिस एक आरोपी के विरुद्ध वह जांच कर रहे थे, उससे उन्होंने रिश्वत ली है। इस मामले में सीबीआई ने अपने ही दफ्तर में छापेमारी की है औक इस दौरान देवेंद्र कुमार के पास से 8 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।
मालूम हो कि जांच एजेंसी ने रविवार को देवेंद्र के घर पर छापा मारा था। वहीं, जांच ऐजेंसी के नंबर एक और दो नंबर के अधिकारियों पर उठी उंगली के बाद मामले में सीधा संज्ञान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है और सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और उनके उपनिदेशक को तलब किया था। तलब के बाद पीएम मोदी ने सीबीआई चीफ से मुलाकात की है।
बता दें कि दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी। सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
मांस कारोबारी मोईन कुरेशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे साना ने आरोप लगाया कि अस्थाना ने उसे क्लीनचिट दिलाने में कथित रुप से मदद की।
सीबीआई ने बिचौलिया समझे जाने वाले मनोज प्रसाद को भी 16 अक्टूबर को दुबई से लौटने पर गिरफ्तार किया था। हालांकि जांच एजेंसी इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है।
गुजरात संवर्ग के आईपीएस अधिकारी अस्थाना उस विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे हैं जो अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले और उद्योगपति विजय माल्या द्वारा की गयी ऋण धोखाधड़ी जैसे अहम मामलों को देख रहा है। यह दल मोईन कुरैशी मामले की भी जांच कर रहा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को एक विस्तृत पत्र लिखकर वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए थे। इसी पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि साना ने इस मामले में क्लीनिचट पाने के लिए सीबीआई प्रमुख को दो करोड़ रुपये दिये।