बदला-बदला नजर आ रहा है पीएम मोदी का ये कार्यकाल, मंत्रियों को मनमाफिक निजी सचिव, ओएसडी की छूट

By हरीश गुप्ता | Published: June 10, 2019 08:18 AM2019-06-10T08:18:32+5:302019-06-10T08:18:32+5:30

2019 में मोदी अलग दिख रहे हैं जो 'सबका विश्वास' जीतना चाहते हैं. उन्होंने उन्होंने प्रशासन में निरंतरता और सामंजस्य को समझते हुए की मंत्रियों की इच्छा के अनुरूप निजी स्टाफ में पसंदीदा अधिकारी के चयन की छूट दी है. 

Modi's minister, moadi cabinate, frienhey are free to hire personal secretary or OSD exemption | बदला-बदला नजर आ रहा है पीएम मोदी का ये कार्यकाल, मंत्रियों को मनमाफिक निजी सचिव, ओएसडी की छूट

नरेंद्र मोदी अपनी दूसरी पारी में नियुक्तियों में बेहद सावधानी बरत रहे और अत्यधिक लचीलापन दिखा रहे हैं

Highlightsएक कैबिनेट मंत्री को चपरासी समेत 15 लोगों का निजी स्टाफ मिलता है.प्रधानमंत्री ने इस बार मंत्रियों के ओएसडी बनने पर कोई रोक नहीं लगाने का फैसला किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दूसरी पारी में नियुक्तियों में बेहद सावधानी बरत रहे और अत्यधिक लचीलापन दिखा रहे हैं जो मई 2014 में उनके पहले कार्यकाल में नहीं था. उदाहरण के लिए उन्होंने 2014 में निर्णय लिया था कि यदि किसी अधिकारी ने किसी मंत्री के निजी स्टाफ में निजी सचिव, अतिरिक्त पर्सनल सेक्रेटरी या विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रू प में सेवा दी है, तो वह मोदी युग के मंत्रियों को सेवाएं नहीं दे पाएंगे. 

मोदी के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की इतनी सख्ती थी कि तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रामविलास पासवान समेत तमाम मंत्री अपनी पसंद के अधिकारी पाने में विफल रहे. 

मोदी के सामने कोई दलील ने काम नहीं किया. यहां तक कि सबसे शक्तिशाली मंत्री अरुण जेटली को भी इस नियम से छूट पाने के लिए कई महीने इंतजार करना पड़ा था. हालांकि दूसरे मंत्री उनके जैसा भाग्यशाली नहीं रहे. 

2019 में मोदी अलग दिख रहे हैं जो 'सबका विश्वास' जीतना चाहते हैं. उन्होंने उन्होंने प्रशासन में निरंतरता और सामंजस्य को समझते हुए की मंत्रियों की इच्छा के अनुरूप निजी स्टाफ में पसंदीदा अधिकारी के चयन की छूट दी है. 

एक कैबिनेट मंत्री को चपरासी समेत 15 लोगों का निजी स्टाफ मिलता है. प्रधानमंत्री ने इस बार अधिकारियों के दोबारा मंत्रियों के निजी सचिव या विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) बनने पर कोई रोक नहीं लगाने का फैसला किया है. उन्होंने पिछले सप्ताह तीन महत्वपूर्ण कैबिनेट मंत्रियों अमित शाह, स्मृति ईरानी और जितेंद्र सिंह के निजी सचिवों की नियुक्तियों हो हरी झंडी दिखाई थी. 

इन अधिकारियों का कार्यकाल समाप्त करने के साथ नियुक्ति आदेश थमा दिया गया है. अब यह स्पष्ट होना है कि क्या किसी अधिकारी के पास किसी मंत्री के निजी सचिव के रूप में सेवा देने के लिए 5 साल की अधिकतम समयसीमा होगी या मंत्री के कार्यकाल तक पांच साल तक पद पर बने रहेंगे.

 इन अधिकारियों ने पहले किसी भी मंत्री के साथ सेवा क्यों न की हो, वे पांच साल तक मंत्री के निजी स्टाफ पद पर बने रहेंगे. इमकोंगला जमीर (स्मृति ईरानी की निजी सचिव) जुलाई 2020 तक, आशीष कुमार (जितेंद्र सिंह के निजी सचिव) अगस्त 2021 तक और साकेत कुमार (अमित शाह के निजी सचिन) जुलाई 2023 तक अपनी वर्तमान भूमिका जारी रख पाएंगे.
 

Web Title: Modi's minister, moadi cabinate, frienhey are free to hire personal secretary or OSD exemption

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