"मोदी 'सबका साथ-सबका विकास' चाहते हैं, कांग्रेस केवल 'आलोचना' करती है", राम मंदिर के पुजारी ने उदित राज के कहे '500 साल बाद मनुवाद लौटा' पर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 2, 2024 09:18 AM2024-01-02T09:18:23+5:302024-01-02T09:21:47+5:30

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने कांग्रेस नेता उदित राज की '500 साल बाद मनुवाद लौटा' पर टिप्पणी  करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास केवल आलोचना करने के सिवाय और कोई दूसरा काम नहीं है।

"Modi wants 'Sabka Saath-Sabka Vikas', Congress only 'criticises'", says Ram temple priest on Udit Raj's statement 'Manuvad returned after 500 years' | "मोदी 'सबका साथ-सबका विकास' चाहते हैं, कांग्रेस केवल 'आलोचना' करती है", राम मंदिर के पुजारी ने उदित राज के कहे '500 साल बाद मनुवाद लौटा' पर कहा

फाइल फोटो

Highlightsराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने फिर की कांग्रेस की आलोचना आचार्य सत्येन्द्र दास ने कांग्रेस नेता उदित राज की '500 साल बाद मनुवाद लौटा' पर की टिप्पणी उन्होने कहा कि मोदी सबका साथ-सबका विकास कर रहे हैं, कांग्रेस को केवल आलोचना करना है

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने कांग्रेस नेता उदित राज की '500 साल बाद मनुवाद लौटा' पर टिप्पणी  करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास केवल आलोचना करने के सिवाय और कोई दूसरा काम नहीं है।

पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास' कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस को तो केवल प्रधानमंत्री मोदी की 'आलोचना' करनी है।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कर रहे हैं वह 'सबका साथ, सबका विकास' है। कांग्रेस सत्ता में आना चाहती है लेकिन उसे सत्ता नहीं मिलने वाली है क्योंकि सत्ता जनता देती है और कांग्रेस की जनता में कोई दिलचस्पी नहीं है।"

सत्येंद्र दास ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा, "कांग्रेस का केवल एक काम है और वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करना। लेकिन कांग्रेस इस बात को समझ ले कि आलोचना से कुछ भी नहीं होने वाला है।"

दरअसल कांग्रेस नेता उदित राज ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यह कहते हुए एक नया विवाद खड़ा कर दिया कि "500 साल बाद मनुवाद लौट रहा है।"

हालांकि बयान के बाद आलोचना को झेल रहे उदित राज ने फौरन सफाई पेश की और कहा कि वह राम मंदिर का विरोध नहीं कर रहे हैं और उनके कथन को मंदिर से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, "जब मैंने मनुवाद की वापसी के बारे में लिखा तो बीजेपी और गोदी मीडिया को गुस्सा क्यों आया? मुझे समझ नहीं आया! असम के सीएम सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हैं कि ऊंची जातियों की सेवा करना शूद्रों का कर्तव्य है और जब मैंने विरोध किया तो उन्होंने उसे हटा दिया और भाग गए।"

उन्होंने आगे कहा, "मोदी जी ने 2007 में कर्मयोग नामक पुस्तक लिखी, जिसमें लिखा है कि मैला ढोने वालों को आध्यात्मिकता का अनुभव होता है। राम मंदिर कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने निषाद परिवार से मुलाकात की और प्रचार किया कि मोदी भगवान राम हैं और मदद मांगने आये हैं।"

उदित राज ने कहा, ''2014 से लगातार देश के संसाधनों को पूंजीपतियों को देकर वे दलितों और पिछड़ों की नौकरियां छीन रहे हैं और शिक्षा को और महंगा कर रहे हैं। वे जाति जनगणना के खिलाफ हैं। मंडल आयोग के खिलाफ आंदोलन को राम मंदिर आंदोलन के रूप में मोड़ा गया। मीडिया वालों ने मुझे यह कहकर भ्रमित करने की कोशिश की कि मैं राम मंदिर का विरोध कर रहा हूं, लेकिन मैंने कहा कि ऐसा नहीं है। कांग्रेस ने निर्माण का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया। शिक्षण संस्थानों में केवल आरएसएस के लोगों की भर्ती की जा रही है। क्या यह सब दिखाता है कि मनुवाद की वापसी है।"

Web Title: "Modi wants 'Sabka Saath-Sabka Vikas', Congress only 'criticises'", says Ram temple priest on Udit Raj's statement 'Manuvad returned after 500 years'

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