मोदी सरकार के मंत्री संतोष गंगवार ने कहा- "साल 2014 के बाद 114 कंपनियां हुई बंद, 16 हजार लोग हुए प्रभावित"
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 1, 2019 08:50 AM2019-12-01T08:50:45+5:302019-12-01T08:51:38+5:30
बंद हुई कंपनियों व इससे प्रभावित होने वाले लोगों को लेकर लोकसभा सांसद दानिश अली ने सरकार से सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा था कि पिछले पांच वर्षों में देश में कितनी कंपनियां बंद हुई हैं और इससे कितने लोग बेरोजगार हुए हैं?
संसद सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक देश भर में कुल 114 कंपनियां या उनकी इकाइयां बंद हुई हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि इन कंपनियों के बंद होने से देश भर के करीब 16 हजार लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरह से प्रभावित हुए हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह सभी आंकड़े केंद्र व राज्य सरकारों की कंपनियों से जुड़े हैं।
लोकसभा में किसने पूछा था सवाल-
दरअसल, बंद हुई कंपनियों व इससे प्रभावित होने वाले लोगों को लेकर लोकसभा सांसद दानिश अली ने सरकार से सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा था कि पिछले पांच वर्षों में देश में कितनी कंपनियां बंद हुई हैं और इससे कितने लोग बेरोजगार हुए हैं? इसके साथ ही उन्होंने सरकार से इस बात की भी जानकारी मांगी थी कि प्रभावित लोगों की आजीविका के लिए क्या प्रबंध किए गए हैं?
सरकार की तरफ से मंत्री ने क्या दिया जवाब-
आपको बता दें कि दानिश अली के सवाल के जवाब में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि 2014 में कुल 34 कंपनियां बंद हुईं। इन कंपनियों में से 33 राज्य क्षेत्र की थीं और एक केंद्र क्षेत्र से ताल्लुक रखती थी। कंपनियों के बंद होने से 4726 लोग प्रभावित हुए। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि 2015 की बात करें तो कुल 22 कंपनियां बंद हुईं। इनमें से 20 राज्य क्षेत्र और दो केंद्र सरकार से जुड़ी हुई थीं। कंपनियों के बंद होने से 1852 लोग प्रभावित हुए। 2016 में 27 इकाइयां बंद हुईं और प्रभावित होने वालों की संख्या 6037 रही। 2017 में 22 कंपनियां बंद हुईं और 2740 लोग प्रभावित हुए। 2018 में आठ कंपनियों के बंद होने से 537 लोग प्रभावित हुए। साल 2019 के लिए सरकार की तरफ से जनवरी से लेकर सितंबर महीने तक की जानकारी दी गई है। इस अवधि में राज्य क्षेत्र की एक कंपनी बंद हुई है, जिससे 45 लोग प्रभावित हुए हैं।
इन आंकड़ों में वृद्धि भी देखी जा सकती है-
सरकार की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि 2014 के बाद सभी वर्षों के आंकड़े प्रॉविजनल हैं। उन्होंने यह बी बताया कि अभी इससे संबंधित डेटा भी इकट्ठा किया जा रहा है। ऐसे में आने वाले समय में इनमें बढ़त भी देखने को मिल सकती है।
कंपनियों के इस हालत की वजह -
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में इन कंपनियों के बंद होने की वजह भी बताई गई है। इसके लिए वित्तीय अभाव, कच्चे माल की कमी, मांग में गिरावट, कामगारों की समस्याओं, खनन लाइसेंस के निलंबन और कोयला ब्लॉक आवंटन के रद्द होने को जिम्मेदार बताया गया है।