नई दिल्ली, 24 सितंबर: नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया है कि मनमोहन सिंह सरकार में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और संजय भंडारी की कंपनी को राफेल सौदे में 'बिचौलिये' की भूमिका देना चाहती थी। शेखावत ने सोमवार को कहा, "संजय भंडारी की कंपनी और रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को यूपीए बिचौलिये के तौर इस्तेमाल करना चाहती थी। जब ये नहीं हो सका तो आज कांग्रेस इस डील को खत्म करके उसका बदला लेना चाहती है।"
संजय भंडारी रक्षा सौदों में बिचौलिये की भूमिक निभाता है। भंडारी ऑफसेट इंडिया सलूशंस (OIS) का मुख्य प्रमोटर है। भंडारी पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा चल रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भंडारी की 26 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी।
फ्रांस की रक्षा कंपनी दसाल्ट से भारत सरकार ने 36 राफेल विमानों के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल विमान का सौदा दिलवाया। राहुल का आरोप है कि राफेल सौदे में बीजेपी सरकार ने घोटाला किया है।
आम आदमी पार्टी ने सोमवार को राफेल डील में 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया। दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी सरकार ने विपक्ष के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
मुंबई बीजेपी के प्रवक्ता सुरेश नकुआ ने भी सोमवार को आरोप लगाया कि "फ्रांस सरकार को राफेल डील में वाड्रा और भंडारी की कंपनी को निविदा पर विचार करने के लिए 'पुरजोर निर्देश' मिले थे क्योंकि रक्षा सौदे के तहत कंपनी को कुल सौदे का 30 प्रतिशत भारत में निवेश करना था। (मेक इन इंडिया योजना के तहत रक्षा सौदों में विदेशी कंपनियों को 50 फीसदी राशि भारत में निवेश करनी होगी।)"
कांग्रेस राफेल डील पर ज्वाइंट पर्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) बनाने की माँग कर रही है जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ठुकरा चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को भी जेपीसी की माँग करते हुए कहा, "जेपीसी बना दीजिए सच सामने आ जाएगा। लेकिन अरुण जेटली जी और उनेक बॉस नरेंद्र मोदी जी ये काम नहीं कर सकते। नरेंद्र मोदी जी बड़े बड़े भाषण देते हैं लेकिन राफेल या अनिल अंबानी पर एक शब्द कभी नहीं बोलते।"