लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक, 10 करोड़ लोगों को मिलेगा इतने रुपये का मासिक भत्ता
By विकास कुमार | Published: December 24, 2018 10:37 AM2018-12-24T10:37:01+5:302018-12-24T11:43:53+5:30
विशेषज्ञ इस योजना को मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिलने के कारण नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के पक्ष में जबरदस्त हवा बन सकती है। इस योजना के तहत 10 करोड़ लोगों को 2500 से 3000 रुपये का मासिक भत्ता मिल सकता है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में भी जीत को लेकर सशंकित दिख रही है। क्योंकि जिस तरह से राहुल गांधी ने किसानों का मुद्दा उठाया है, उससे बीजेपी में हडकंप मच गया है। लेकिन अब मोदी सरकार आयुष्मान भारत के बाद एक ऐसी योजना लाने जा रही है, जो लोकसभा चुनाव के पहले राजनीतिक समीकरणों को बदल के रख देगा।
जी हां, इस योजना का नाम है यूनिवर्सल बेसिक इनकम। इस योजना के तहत सरकार देश में 10 करोड़ लोगों को(किसान, बेरोजगार नौजवान, आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों) को मासिक भत्ता देने का एलान कर सकती है। विश्व के कई देश अपने यहां आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने के मकसद से यूनिवर्सल बेसिक इनकम देते हैं।
नरेन्द्र मोदी का मास्टरस्ट्रोक
राहुल गांधी के किसानों की लोन माफी योजना को काउंटर करने के लिए सरकार यह स्कीम लाने वाली है। जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना का एलान 15 जनवरी तक कर दिया जायेगा। विशेषज्ञ इस योजना को मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिलने के कारण नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के पक्ष में जबरदस्त हवा बन सकती है। इस योजना के तहत 10 करोड़ लोगों को 2500 से 3000 रुपये का मासिक भत्ता मिल सकता है।
इसके पहले मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर लागू करने का फैसला किया था। इस योजना के तहत देश में 10 करोड़ परिवारों को इलाज के लिए 5 लाख तक का बीमा मिलेगा। इस योजना के तहत प्राथमिक सेवा उपचार से लेकर कैंसर तक की बीमारियों में 5 लाख तक का खर्च सरकार वहन करेगी। हाल ही में एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा था कि आयुष्मान भारत योजना का अभी तक 6 लाख लोग लाभ ले चुके हैं।
मोदी केयर और यूनिवर्सल बेसिक इनकम
मोदी सरकार का 10 करोड़ लोगों को मासिक भत्ता देने का फैसला विपक्ष को मुद्दाविहीन कर सकता है। पिछले साल हुए आर्थिक सर्वे में अरविन्द सुब्रमण्यम की समिति ने भी यूनिवर्सल बेसिक इनकम का सुझाव रखा था। समिति का मानना था कि देश में लोगों की आर्थिक हालत को मजबूत करने के लिए इस योजना का लागू होना जरूरी है। लेकिन इतना तय है कि इस योजना के लागू होने के बाद सरकार पर वित्तीय दबाव बहुत बढ़ जायेगा। और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि सरकार इस योजना के लिए पैसा कहां से लाएगी?
बदल जायेंगे राजनीतिक समीकरण
लेकिन इतना तय है कि मोदी सरकार अगर इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करती है, तो ये विपक्ष के लिए बहुत बड़ा धक्का साबित होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रति वर्ष 1 करोड़ लोगों को रोजगार की जरुरत है। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, कोई भी सरकार इतने बड़े पैमाने पर रोजगार नहीं पैदा कर सकती, इसलिए भी इस योजना का लागू होना जरूरी है।
आलोचक कहते हैं कि इससे लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा। लोग कामचोर हो सकते हैं। अब आलोचक कुछ भी कहें, लेकिन यह फैसला लोकसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरणों और लोगों को एक बार मोदी सरकार के बारे में सोचने पर मजबूर जरूर कर सकता है।