दलितों को CAA के विरोध से दूर रखने की कवायद में जुटी मोदी सरकार

By संतोष ठाकुर | Published: January 14, 2020 08:50 AM2020-01-14T08:50:09+5:302020-01-14T08:50:09+5:30

केंद्रीय पेट्रोलियम और स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में दलित उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर सरकार किसे नागरिकता देने की बात कर रही है.

Modi government trying to keep Dalits away from CAA opposition | दलितों को CAA के विरोध से दूर रखने की कवायद में जुटी मोदी सरकार

दलितों को CAA के विरोध से दूर रखने की कवायद में जुटी मोदी सरकार

Highlights सरकार ने 75000 पेट्रोल पंपों में से 20000 पंप दलितों के लिए आरिक्षत किए. केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि सरकार ने दलितों के लिए एलपीजी एजेंसी, पेट्रोल पंप आवंटन में भी बड़ा हिस्सा दिया.

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर चल रहे विरोध और इसके आयोजन में मुस्लिमों के साथ ही दलितों के भी शामिल होने की चर्चा के बीच सरकार ने दलितों को इस आंदोलन से दूर रखने की कवायद शुरू कर दी है. केंद्रीय पेट्रोलियम और स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में दलित उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर सरकार किसे नागरिकता देने की बात कर रही है. ये दलित, वंचित और निचले तबके के लोग हैं, जो भारत विभाजन से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान में थे और संसाधन व धन की कमी की वजह से वहां से भारत नहीं आ पाए या फिर उनका शोषण करने वाले वर्ग ने उन्हें भारत नहीं आने दिया.

उन्होंने सवाल किया कि क्या उन दलित, वंचितों, शोषित और गरीब लोगों को नागरिकता नहीं मिलनी चाहिए. दलितों को पेट्रोलियम पदार्थ आवागमन कारोबार से जोड़ने के लिए शुरू किए गए बल्कि एलपीजी टैंकर-ट्रक वेंडर योजना के तहत 3121वें ट्रक को आंबेडकर संस्थान से रवाना करते हुए प्रधान ने कहा कि दलितों को यह समझना होगा कि उनका असली हमदर्द या साथी कौन है. प्रधान ने कहा कि कुछ लोग आंबेडकर की फोटो और नाम की तख्ती लेकर नागरिकता कानून व अन्य मुद्दों पर लोगों को गुमराह करना चाहते हैं.

उन्होंने टैंकर-ट्रक योजना का हवाला देते हुए कहा कि पहले भी इस योजना में दलितों के लिए आरक्षण था, लेकिन दलित कारोबारी केवल चार प्रतिशत थे क्योंकि कई तरह के आर्थिक नियम लगाकर उन्हें बाहर रखा जा रहा था. नरेंद्र मोदी सरकार में यह आंकड़ा 16 प्रतिशत तक आया है और जल्द ही यह 22.5 प्रतिशत तक जाएगा. उन्होंने कहा, ''इसकी वजह यह है कि हमने देखा कि दलितों के पास पैसा नहीं है. ऐसे में यह आरक्षण केवल छलावा है.

हमने तुरंत बैंकों से दलितों को 90 प्रतिशत तक कर्ज दिलाया. स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत उन्हें कर्ज दिया. इस प्रकार वे इस योजना में 4 से बढ़कर 16 प्रतिशत तक पहुंच गए.'' उन्होंने कहा कि इसी तरह से सूक्ष्म-लघु उद्योग में लगे दलितों के उत्थान के लिए नया नियम बनाया और सभी सरकारी कंपनियों के लिए जरूरी किया कि वे उनसे 20 की जगह 25 प्रतिशत माल खरीदें. पहले यह सीमा 15 से 20 प्रतिशत तक थी. 

पेट्रोल पपों में भी बड़ा हिस्सा 

केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि सरकार ने दलितों के लिए एलपीजी एजेंसी, पेट्रोल पंप आवंटन में भी बड़ा हिस्सा दिया. सरकार ने 75000 पेट्रोल पंपों में से 20000 पंप दलितों के लिए आरिक्षत किए. इनमें से 17000 से अधिक आवंटन हो भी गए हैं. उज्ज्वला स्कीम में देशभर में 8 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए. इनमें से 3.5 करोड़ (38 प्रतिशत) कनेक्शन दलितों को दिए गए. सरकार देश में 1 लाख दलितों को उद्योग स्थापित करने में मदद दे रही है ताकि वे अपने यहां पर कम से कम पांच लोगों को रोजगार दे. इससे एक साथ 5-6 लाख दलित नौकरी-रोजगार-उद्योग से जुड़ जाएंगे.

Web Title: Modi government trying to keep Dalits away from CAA opposition

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