28 मई एक बार फिर चुनकर आई नरेंद्र मोदी सरकार ने अगले कार्यकाल में डिजिटल गांव 2.0 शुरू करने की तैयारी में है. इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय योजना तैयार कर रहा है. डिजिटल गांव प्रथम के इस विस्तार को लेकर उत्साह इसलिए है क्योंकि भाजपा ने जो 303 सीटें जीती हैं उनमें से 274 संसदीय क्षेत्रों में डिजिटल गांव थे. जहां से एकल खिड़की योजना के तहत लोगों को बिना शहर, ब्लॉक जाए ही सभी सरकारी सेवाएं उनके गांव में मिल रही हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निकाय कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की ओर से बनाए जा रहे डिजिटल गांवों में ऐसे केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर गांव वाले बैंकिंग और पेंशन सेवा के साथ ही अपने और अपने पशुओं के लिए टेली-मेडिसन सुविधा समेत प्रतियोगी परीक्षा के फॉर्म भरने, सरकारी दस्तावेजों की प्रतिलिपि, बिजली-पानी के बिल भरने की सुविधा हासिल कर सकते हैं. इग्नू सहित कई विश्वविद्यालयों, ओपन स्कूल में प्रवेश के फॉर्म भी यहां से भरे जा सकते हैं. इन डिजिटल गांवों से न केवल बड़े राज्य बल्कि पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी सरकारी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली है.