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नीतीश कुमार ने कहा, हम एनडीए के साथ, बिहार सीएम को राजी करने में नाकाम रहे अमित शाह

By भाषा | Updated: May 31, 2019 19:28 IST

कुमार ने कहा कि उन्होंने जद-यू पदाधिकारियों और पार्टी सांसदों के साथ विचार किया। पार्टी के लोकसभा में 16 और राज्यसभा में छह सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि यह सर्वसम्मत राय थी कि हमें मंत्रिपरिषद से बाहर रहना चाहिए। हर किसी ने महसूस किया कि गठबंधन सरकार में अनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

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ठळक मुद्देकुमार ने कहा कि उन्होंने शाह से यह नहीं कहा कि वह कितने मंत्री पद चाहते हैं।कुमार ने कहा कि भाजपा महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने उस रात उनसे मुलाकात की और फिर वही प्रस्ताव दिया।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बार-बार प्रयास किया कि नीतीश कुमार मोदी कैबिनेट में जद-यू के लिए एक मंत्री पद के प्रस्ताव को स्वीकार कर लें लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव को ठुकराते हुए अपनी पार्टी के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व पर जोर दिया।

कुमार प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद शुक्रवार को पटना लौटे। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच कोई ‘‘तकरार’’ नहीं है और मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होने का फैसला किया गया क्योंकि वहां उनकी पार्टी की उपस्थिति सिर्फ ‘‘सांकेतिक’’ होती।

जदयू अध्यक्ष ने कहा कि शाह से उनकी 28 मई को बातचीत हुयी थी जिसमें भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह सरकार के गठन पर चर्चा के लिए अगले दिन मिलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों की नयी दिल्ली में मुलाकात हुयी जहां शाह ने उनसे कहा कि उनकी पार्टी राजग के सभी सहयोगियों के साथ सत्ता की हिस्सेदारी करनी चाहती है।

उन्होंने सुझाव दिया कि जद-यू एक मंत्री के प्रस्ताव को स्वीकार कर ले। कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनकी बात सुनता रहा और महसूस किया कि यह सरकार में जद-यू के लिए सांकेतिक उपस्थिति होती। मैं वैसा नहीं चाहता था। फिर भी, जब उन्होंने जोर दिया, मैंने उनसे कहा कि मैं अपनी पार्टी से मशविरा करूंगा और फिर उनसे बात करूंगा।’’

कुमार ने कहा कि उन्होंने जद-यू पदाधिकारियों और पार्टी सांसदों के साथ विचार किया। पार्टी के लोकसभा में 16 और राज्यसभा में छह सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि यह सर्वसम्मत राय थी कि हमें मंत्रिपरिषद से बाहर रहना चाहिए। हर किसी ने महसूस किया कि गठबंधन सरकार में अनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

कुमार ने कहा कि उन्होंने शाह से यह नहीं कहा कि वह कितने मंत्री पद चाहते हैं। कुमार ने कहा कि भाजपा महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने उस रात उनसे मुलाकात की और फिर वही प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि शाह ने अगली सुबह उन्हें फिर फोन किया। ‘‘मैंने वही जवाब दिया जो मैंने भाजपा महासचिव को दिया था। हम भले ही सरकार का हिस्सा नहीं रहे लेकिन हम दृढ़ता से इसके साथ हैं।’’ 

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