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आरोप: मोदी सरकार ने खनन लीज बढ़ाकर सरकारी खजाने को पहुंचाया 4 लाख करोड़ का घाटा

By शीलेष शर्मा | Updated: September 10, 2019 08:10 IST

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि वे बताए कि खनन क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक घरानों से बीजेपी को कितना चंदा मिला है।

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ठळक मुद्देकांग्रेस का आरोप- मोदी सरकार ने बिना बोली लगाये खदानों की लीज बढ़ा दी. भाजपा ने औद्योगिक घरानों से बड़ी रकम चंदा में लेकर उन्हें उपकृत करने को लेकर खनन की लीज अवधि 50 वर्ष बढ़ाई है-कांग्रेस

सर्वोच्च न्यायालय ने लौह एवं अन्य खदानों की लीज को 50 साल बढ़ाने के मसले पर दायर जनहित याचिका को लेकर सरकार से जवाब मांगा है. पांच माह बीत जाने के बाद भी सरकार सर्वोच्च न्यायालय के सवालों का जवाब नहीं दे पाई है.

एक मोटे आकलन के अनुसार जिन खदानों की लीज 50 वर्ष के लिए बढ़ाई गई उससे सरकारी खजाने को लगभग 4 लाख करोड़ का घाटा हुआ है.

कांग्रेस ने आज इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला और पूछा कि सौ दिनों की उपलब्धियों के नाम पर जो बड़े जश्न किए जा रहे है उनमें यह नहीं बताया जा रहा है कि इन खदानों की लीज बिना किसी बोली के 50 साल क्यों बढ़ाई गई, संसदीय परंपराओं को ताक पर रखकर एमएमडीआर एक्ट में संशोधन क्यों किया गया, इन खदानों की लीज बढ़ाकर सरकार किसे फायदा पहुंचाना चाहती थी.

दरअसल जो जनहित याचिका सर्वोच्च न्यायालय के सामने लाई गई है उसमें कथित रुप से यह आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार और भाजपा ने औद्योगिक घरानों से बड़ी रकम चंदा में लेकर उन्हें उपकृत करने को लेकर खनन की लीज अवधि 50 वर्ष बढ़ाई है.

सर्वोच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका ने कांग्रेस को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एक नया मौका दे दिया है. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल किया कि देश की संस्था जिसने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हजारों सवाल खड़े किये थे आज वह सीएजी कहा है. वह इस मामले की जांच क्यों नहीं करती कि किस तरह मोदी सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को ताक पर रखकर नियमों के विपरीत फैसले लिये.

उन्होंने यह भी पूछा कि जब 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह तय कर दिया था कि बोली लगाकर  ठेके देने की व्यवस्था के जरिये ही ठेके दिये जाए फिर मोदी सरकार ने बिना बोली लगाये खदानों की लीज कैसे बढ़ा दी. कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि 2015 को जो विधेयक लाया गया उसे संसद की सेलेक्ट कमेटी के सामने क्यों नहीं भेजा गया, सरकार किसे लाभ पहुंचाना चाहती है.

सरकार सर्वोच्च न्यायालाय द्वारा उठाए गए सवालों और सरकार को दिये गये निर्देश जिसमें जवाब देने को कहा गया है का जवाब आखिर क्यों दाखिल नहीं किया गया.

कांग्रेस ने इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है ताकि यह पता लग सके कि खनन के क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक घरानों ने भाजपा को कितनी धनराशि चंद के रुप में दी, उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मांग की कि वे बताए कि किन-किन घरानों से जो इस क्षेत्र से जुड़े है कितनी राशि उनकी पार्टी को चंद के रुप में मिली है. 

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