"मोदी सरकार नहीं चाहती देश में हो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव", केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर केंद्र को घेरा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 10, 2024 07:50 AM2024-03-10T07:50:54+5:302024-03-10T07:58:05+5:30

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने की इच्छुक नहीं है।

"Modi government does not want free and fair elections in the country", KC Venugopal cornered the Center on the resignation of Election Commissioner Arun Goyal | "मोदी सरकार नहीं चाहती देश में हो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव", केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर केंद्र को घेरा

"मोदी सरकार नहीं चाहती देश में हो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव", केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर केंद्र को घेरा

Highlightsकेसी वेणुगोपाल ने लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर जताई हैरानीवेणुगोपाल ने कहा कि मोदी की सरकार देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने की इच्छुक नहीं हैइससे पहले मोदी सरकार ने चुनाव आयुक्त की चयन प्रकिया से मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया था

चेन्नई: कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे पर हैरानी जताते हुए कहा कि आगामी चुनाव को लेकर पूरा देश चिंतित है लेकिन केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी की सरकार देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने की इच्छुक नहीं है।

कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "यह काफी चौंकाने वाली खबर है। चुनाव की घोषणा से ठीक पहले एक चुनाव आयुक्त ने इस्तीफा दे दिया है। आयोग के पास अब केवल एक ही चुनाव आयुक्त हैं। आखिर इस चुनाव आयोग में हो क्या रहा है? पूरा देश चिंतित है। दरसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नहीं चाहती है कि इस देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हों।''

उन्होंने कहा, "इससे पहले सरकार ने चुनाव आयुक्त की चयन प्रकिया से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया। उन्होंने चयन समिति में सीजेआई के स्थान पर एक कैबिनेट मंत्री को शामिल किया। जिससे चुनाव आयुक्त की नियुक्ति अब एक सरकारी मामला बन गया है। सरकार ने आयोग के आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता को पूरा तरह से खत्म कर दिया है।"

वेणुगोपाल ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर चिंता जताते हुए कहा, "यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है।"

उन्होंने कहा, ''चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है और सरकार उन पर किस तरह से दबाव डालती है। यह साफ नजर आ रहा है। इसमें कोई पारदर्शिता नहीं बची है।''

बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा, "2019 के चुनावों के दौरान तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए पीएम को क्लीन चिट देने के खिलाफ अपनी असहमति जताई थी। उसके बाद उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा। मोदी शासन का यह रवैया इस बात को दर्शाता है यह सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुली हुई है।”

मालूम हो कि चुनाव आयोग से इस्तीफा देने वाले आयुक्त अरुण गोयल ने 21 नवंबर, 2022 को चुनाव आयोग में बतौर आयुक्त अपना कार्यभार संभाला था। भारतीय प्राशासनिक सेवा के अधिकारी रहे अरुण गोयल आयोग में आने से पहले संस्कृति मंत्रालय के सचिव भी रहे।

इसके अलावा अरुण गोयल दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार और वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में संयुक्त सचिव भी रहे थे।

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