मोदी सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात कमांडर आशिक अहमद नेंगरू को आतंकी घोषित किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 18, 2022 07:56 PM2022-04-18T19:56:08+5:302022-04-18T20:02:58+5:30
मोदी सरकार ने बीते 15 दिनों के भीतर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात कमांडर आशिक अहमद नेंगरू समेत कुल चार अन्य को आतंकवादी घोषित किया है।
दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात कमांडर आशिक अहमद नेंगरू को आतंकवादी घोषित कर दिया है। जैश कमांडर आशिक अहमद नेंगरू जम्मू-कश्मीर में हुई कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है।
मोदी सरकार ने बीते 15 दिनों के भीतर नेंगरू समेत कुल चार अन्य को आतंकवादी घोषित किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि नेंगरू जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने और कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का आरोपी है। मंत्रालय ने कहा कि 34 साल का नेंगरू कश्मीर में आतंक का पूरा नेटवर्क ऑपरेट कर रहा है।
उसके द्वारा जम्मू कश्मीर में ऐसी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश में आतंक और खौफ का वातावरण बन रहा है। इसके लिए नेंगरू पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से दिशा-निर्देश लेता है। यही कारण है कि भारत सरकार ने नेंगरू को सुरक्षा और अमन के लिए खतरे बताते हुए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया है।
नेंगरू का जन्म 20 नवंबर 1987 को कश्मीर के पुलवामा में हुआ है। उसका भाई अब्बास अहमद नेंगरू भी जैश ए मोहम्मद का एक सक्रिय आतंकवादी था, जिसे सुरक्षाबलों ने साल 2013 में मार गिराया था। फरवरी 2020 में एनआईए द्वारा समन भेजे जाने के बाद नेंगरू अपने परिवार के साथ लापता हो गया था।
नेंगरू साल 2013 में पुलवामा में एक पुलिसकर्मी और 2020 में एक आम नागरिक की हत्या में शामिल था। वह आतंकी कृत्यों और आतंकवादियों को हथियारों की अवैध आपूर्ति के लिए धन मुहैया कराता रहा है। नेंगरू को आतंकवादी घोषित किए जाने के साथ ही सुरक्षा एजेंसियां अब उसकी संपत्ति भी कुर्क कर सकती हैं और साथ ही उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कानून सम्मत धाराओं में मामला दर्ज कर सकती हैं।
घाटी का वह 36वां शख्स है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है। नेंगरू ने जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे इदरीस को सांबा सीमा के जरिए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने में भी मदद की थी। उसकी गतिविधियां स्पष्ट रूप से जैश ए मोहम्मद के सरगना के साथ उसकी निकटता की ओर इशारा करती हैं।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि अपने परिवार के साथ उसके लापता होने से पता चलता है कि उसकी लौटने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने गत आठ अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को आतंकवादी घोषित किया था।
इसके तीन दिन बाद 11 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिक मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर को आतंकवादी घोषित किया गया था, जो 2019 में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर हुए आतंकी हमले में शामिल था। पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर 2016 में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों के पाकिस्तानी आका अली काशिफ जान को 12 अप्रैल को आतंकवादी घोषित किया गया था।
केंद्र ने 13 अप्रैल को मुश्ताक अहमद जरगर को आतंकवादी घोषित किया था, जो जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है और वह 1999 में इंडियन एअरलाइंस की उड़ान आईसी-814 के अपहरण के समय रिहा किए गए आतंकवादियों में से एक है। जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है।