शिंदे गुट के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर लगाया गंभीर आरोप, बोले- 'शिंदे को नक्सली हमले का खतरा था लेकिन सीएम ठाकरे ने नहीं बढ़ाई थी सुरक्षा'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 22, 2022 10:46 PM2022-07-22T22:46:56+5:302022-07-22T23:32:01+5:30

महाराष्ट्र की तत्कालीन उद्धव सरकार के गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) शंभूराज देसाई ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन्हें निर्देश दिया था कि तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की सुरक्षा को न बढ़ाई जाए।

MLAs of Shinde faction made serious allegations against former Chief Minister Uddhav Thackeray, said - 'Shinde was in danger of Naxalite attack but CM Thackeray did not increase security' | शिंदे गुट के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर लगाया गंभीर आरोप, बोले- 'शिंदे को नक्सली हमले का खतरा था लेकिन सीएम ठाकरे ने नहीं बढ़ाई थी सुरक्षा'

फाइल फोटो

Highlightsशिंदे गुट ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर एकनाथ शिंदे की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगायाउद्धव सरकार में गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) शंभुनाथ देसाई ने लगाया ठाकरे पर आरोप ठाकरे ने निर्देश दिया था कि तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की सुरक्षा न बढ़ाई जाए

मुंबई:महाराष्ट्र की मौजूदा एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थक विधायकों ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे पर नक्सली हमले का खतरा था लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे ने उनकी सुरक्षा को बढ़ाने से इनकार कर दिया था। विधायक सुहास कांडे के साथ उद्धव सरकार में गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) रहे शंभूराज देसाई ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कथित तौर पर आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निर्देश दिया था कि तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की सुरक्षा को न बढ़ाया जाए, जो महाविकास अघाड़ी की सरकार में नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली के प्रभारी मंत्री थे।

विधायकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को मिलने वाली नक्सली धमकी के बावजूद 'जेड प्लस' की सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र पुलिस ने खुलासा किया था कि फरवरी 2022 में गढ़चिरौली में मारे गये 26 नक्सलियों वाली घटना के दो महीने बाद तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को नक्सलियों की ओर से धमकी भरा पत्र मिला था।

इस मामले में बात करते हुए शिंदे गुट के विधायक सुहास कांडे ने दावा किया कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा शिंदे को नक्सली धमकी मिलने की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उस समय के गृहमंत्री दिलीप वलसे-पाटिल की दी गई थी। पुलिस ने दोनों नेताओं को बताया था कि गढ़चिरौली में हुई पुलिस कार्रवाई के बाद नक्सली एकनाथ शिंदे पर हमला करने के लिए मुंबई भी आए थे।

विधयाक कांडे ने कहा, "आश्चर्य होता है कि उसके बाद भी सीएम ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को सुरक्षा प्रदान नहीं की, जबकि उस दौरान ठाकरे सरकार ने कई हिंदुत्व विरोधी लोगों को सुरक्षा दी थी।"

वहीं पूर्व गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) शंभूराज देसाई ने दावा किया कि उन्हें एक दिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फोन आया और उन्होंने पूछा कि क्या गृहविभाग एकनाथ शिंदे की सुरक्षा बढ़ाने के बारे में कोई बैठक कर रहा है।

देसाई ने दावा किया, "मैंने सीएम ठाकरे से कहा कि बैठक हो रही थी। तब उन्होंने मुझे स्पष्ट निर्देश दिया कि शिंदे की सुरक्षा में कोई सुधार नहीं किया जाए।" मालूम हो कि महाविका अघाड़ी गठबंधन की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिराने के बाद बागी एकनाथ शिंदे ने भाजपा के सहयोग से अपनी सरकार बनाई है।

शिंदे गुट के इन आरोपों का कड़ा विरोध करते हुए कांग्रेस विधायक सतेज पाटिल, जो कि उस समय ठाकरे सरकार में शहरी गृहमंत्री थे। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के विधायकों के दावे बेबुनियाद हैं क्योंकि सुरक्षा संबंधी कोई भी फैसला मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बल्कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति करती है। वह समिति धमकी या खतरे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा को बढ़ाने या घटाने की संस्तुति करती है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: MLAs of Shinde faction made serious allegations against former Chief Minister Uddhav Thackeray, said - 'Shinde was in danger of Naxalite attack but CM Thackeray did not increase security'

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