Exit Polls: कांग्रेस जीते या हारे, इतना तय है कि पूर्वोत्तर भारत में थम चुका है बीजेपी का विजय रथ

By विकास कुमार | Published: December 10, 2018 04:27 PM2018-12-10T16:27:41+5:302018-12-10T16:46:19+5:30

मिजोरम में भले ही कांग्रेस की सरकार न बने लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा का विजय रथ मिजोरम में आकर दम तोड़ने वाला है। पूर्ण बहुमत नहीं होने की स्थिति में मिजो नेशनल फ्रंट और कांग्रेस के बीच गठबंधन के संकेत बनते दिख रहे हैं।

MIzoram exit polls : bhartiya janta party wining election mission will stop in mizoram, congress will be factor in election | Exit Polls: कांग्रेस जीते या हारे, इतना तय है कि पूर्वोत्तर भारत में थम चुका है बीजेपी का विजय रथ

Exit Polls: कांग्रेस जीते या हारे, इतना तय है कि पूर्वोत्तर भारत में थम चुका है बीजेपी का विजय रथ

हाल ही में आये पांच राज्यों के एग्जिट पोल के नतीजों में चर्चा का केंद्र मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान रहा। लोकतांत्रिक बनावट के कारण पूर्वोतर के राज्य चुनावी समर में वो छाप नहीं छोड़ पाते। लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद तस्वीर बदली है। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के जीत की भूख ने इन राज्यों को देश के राजनीतिक माहौल में जीवनदान देने का काम किया। 

नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोतर में भगवा झंडा फहराने के लिए दिल्ली से अपने सबसे मजबूत सिपाहसलार को पूर्वोतर का माहौल भांपने के लिए भेजा। संघ से आये और अमित शाह के बाद भाजपा के सबसे बड़े प्रबंधक राम माधव को कश्मीर के साथ पूर्वोतर की जिम्मेवारी दी गई। संघ में वर्षों खपाने के बाद राम माधव को भी देश के राजनीतिक तासीर का अनुमान भली-भांति हो गया था। 

पूर्वोतर की राजनीति में दशकों से छुआछूत का शिकार रही पार्टी को स्थापित करना आसान काम नहीं था। राम माधव ने भारतीय जनता पार्टी को उभारने के लिए भारतीय राजनीति के स्थापित मानदंडों का ही सहारा लिया। उन्होंने असम में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हेमंत बिस्वा शर्मा को पंजा छोड़कर भगवा चोला ओढ़ने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि राम माधव ने एक फोन कॉल से हेमंत बिस्वा शर्मा को अपने पाले में कर लिया। ये उनके शानदार प्रबंधन का एक छोटा सा नमूना था। 

राम माधव हैं पूर्वोतर मिशन के मैनेजर 

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संघ में हिंदूत्व के विचारधारा में तपने के बाद भी राम माधव ने पूर्वोतर में उन मुद्दों को नहीं छुआ जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता था। गौ हत्या जैसे मुद्दों को लेकर पूरे देश में हो-हल्ला मचने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोतर में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। असम में स्थानीय पार्टी असम गण परिषद से गठबंधन का रास्ता भी तैयार किया। 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सत्ता में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर ली। राम माधव ने अपने प्रबंधन को पहले चरण में ही साबित कर दिया। 

असम के बाद बारी आई त्रिपुरा की। एक युवा चेहरे के सहारे भाजपा ने दो दशक से भी ज्यादा समय से राज्य में स्थापित वामपंथ की सरकार को उखाड़ फेका। कहा जाता है कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव देब की खोज राम माधव ने ही की थी। इसके बाद नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने राम माधव के सहारे पूरे पूर्वोतर को जीतने का सपना देखना शुरू कर दिया। 

मेघालय के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद एनडीए सरकार का बनना राम माधव के प्रबंधन और भाजपा के पूर्वोतर फतह की भूख का नतीजा था। लेकिन हाल ही में आये मिजोरम में एग्जिट पोल के नतीजों ने राम माधव और अमित शाह के अरमानों को भी थामने के संकेत दिए हैं। आखिरी पड़ाव में भाजपा चूकती हुई दिख रही है। 

मिजोरम में भले ही कांग्रेस की सरकार न बने लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा का विजय रथ मिजोरम में आकर दम तोड़ने वाला है। पूर्ण बहुमत नहीं होने की स्थिति में मिजो नेशनल फ्रंट और कांग्रेस के बीच गठबंधन के संकेत बनते दिख रहे हैं।  

टाइम्स नाउ-सीएनएक्स का एग्जिट पोल  

कुल सीटें- 40 
एमएनएफ- 18 
कांग्रेस- 16 
अन्य- 6 

रिपब्लिक-सी वोटर का एग्जिट पोल 

कुल सीटें- 40 
एमएनएफ- 16-20 
कांग्रेस- 14-18 
जेडपीएम+ 3-7 
अन्य- 0-3 

Web Title: MIzoram exit polls : bhartiya janta party wining election mission will stop in mizoram, congress will be factor in election

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