लाइव न्यूज़ :

नाबालिग बलात्कार पीड़िता को 26 सप्ताह के बाद चिकित्सकीय गर्भपात कराने की अनुमति, उच्च न्यायालय ने कहा-कम उम्र में मातृत्व का भार उठाने के लिए मजबूर किया गया तो...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 20, 2022 21:09 IST

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता को गर्भावस्था से गुजरने के लिए मजबूर करना उसकी आत्मा को पूरी तरह से झकझोर देगा और उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर और अपूरणीय क्षति होगी।

Open in App
ठळक मुद्देजीवन के अधिकार को और अधिक ठेस पहुंचाये जाने की कल्पना नहीं कर सकती है।मानसिक और शारीरिक आघात से गुजरना होगा और यह अकल्पनीय है।अदालत ने याचिकाकर्ता की गर्भावस्था को समाप्त करने की याचिका को स्वीकार कर लिया।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता को 26 सप्ताह के बाद चिकित्सकीय गर्भपात कराने की अनुमति देते हुए कहा है कि अगर उसे कम उम्र में मातृत्व का भार उठाने के लिए मजबूर किया गया तो उसका दुख और पीड़ा और बढ़ जाएगी।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता को गर्भावस्था से गुजरने के लिए मजबूर करना उसकी आत्मा को पूरी तरह से झकझोर देगा और उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर और अपूरणीय क्षति होगी। न्यायाधीश ने कहा कि अदालत उसके जीवन के अधिकार को और अधिक ठेस पहुंचाये जाने की कल्पना नहीं कर सकती है और अगर उसे मातृत्व के कठिन कर्तव्यों को निभाने के लिए मजबूर किया जाता है, तो उसे मानसिक और शारीरिक आघात से गुजरना होगा और यह अकल्पनीय है।

अदालत ने याचिकाकर्ता की गर्भावस्था को समाप्त करने की याचिका को स्वीकार कर लिया और संबंधित अस्पताल को डीएनए परीक्षण के लिए भ्रूण को संरक्षित करने का निर्देश दिया, जिसकी घटना से संबंधित आपराधिक मामले में जरूरत होगी।

चिकित्सा बोर्ड ने 16 जुलाई की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि याचिकाकर्ता की उम्र लगभग 13 वर्ष और गर्भावस्था की अवधि 25 सप्ताह और छह दिन थी और कहा था कि 24 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था में, कानून केवल भ्रूण संबंधी असामान्यताओं के मामले में ही गर्भपात की अनुमति देता है।

अदालत ने 19 जुलाई के अपने आदेश में कहा, ‘‘अगर उसे कम उम्र में मातृत्व का भार उठाने के लिए मजबूर किया गया तो उसका दुख और पीड़ा और बढ़ जाएगी।’’ अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि गर्भपात की प्रक्रिया के दौरान, चिकित्सा बोर्ड और चिकित्सकों को पता चलता है कि याचिकाकर्ता के जीवन को खतरा है, तो उनके पास गर्भपात की प्रक्रिया को रद्द करने का अधिकार होगा। 

टॅग्स :दिल्ली हाईकोर्टकोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar Release Row: दिल्ली हाईकोर्ट ने CBFC से सर्टिफिकेशन से पहले शहीद मेजर मोहित शर्मा के परिवार की चिंताओं पर विचार करने को कहा

भारतपति क्रूरता साबित करने में नाकाम और दहेज उत्पीड़न आरोपों को ठीक से खारिज नहीं कर पाया, दिल्ली उच्च न्यायालय का अहम फैसला

बॉलीवुड चुस्कीसेलिना जेटली ने ऑस्ट्रियाई पति पीटर हाग पर लगाया घरेलू हिंसा का आरोप, ₹50 करोड़ का हर्जाना मांगा

भारतबिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले की सुनवाई कर रहे राउज एवेन्यू कोर्ट के जज विशाल गोगने को की बदलने की मांग

भारतजस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

भारत अधिक खबरें

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट