बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान ने लिए आरोप वापस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 6, 2023 07:34 AM2023-06-06T07:34:38+5:302023-06-06T07:40:48+5:30
कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने दो अलग-अलग बयान दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपने सभी आरोप वापस ले लिये हैं।
दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख और यूपी की कैसरगंज संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने दो अलग-अलग बयान दर्ज कराने वाली और सात महिला पहलवानों में से इकलौती नाबालिग महिला पहलवान ने अपने सभी आरोप वापस ले लिये हैं।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नाबालिग महिला पहलवान की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में और अखबार से उसके पिता ने बात करते हुए कहा था कि "मेरी बेटी बृजभूषण शरण सिंह से पूरी तरह से परेशान थी। आरोपी (बृजभूषण सिंह) द्वारा उसे यौन प्रताड़ना देकर परेशान किया जाता था। दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने, "एक तस्वीर खिंचवाने के बहाने उसे कसकर पकड़ा और अपनी ओर खिंचा। उसके बाद उसके कंधे पर जोर से दबाया और फिर जानबूझकर उसके स्तनों पर हाथ फेरा।"
खबरों के अनुसार चूंकि 17 साल की नाबालिग महिला पहलवान ने पुलिस की एफआईआर के अलावा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने एक नया बयान दर्ज किया है। जिसे कोर्ट में दिया गया बयान माना जाता है। इससे साफ है कि महिला पहलवान के बयान वापस लेने के बाद भी अब मामले में सीधे अदालत को तय करना है कि वो बृजभूषण शरण सिंह पहले आरोपों का संज्ञान लेती है या नहीं।
जानकारी के अनुसार नाबालिग महिला पहलवान ने 10 मई को मजिस्ट्रेट के सामने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाये यौन उत्पीड़न की घटनाओं का ब्यौरा देते हुए बयान दर्ज कराया था। जिसके आधार पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के कड़े संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 10 और IPC की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 34 (सामान्य आशय) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अगर आरोप सिद्ध होते हैं तो आरोपी को एक से तीन साल तक की जेल का प्रावधान है।
नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ किस आधार या कारण से अपना मजिस्ट्रेट के सामने दिया बयान और पुलिस में दिया बयान वापस लिया है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।