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Lockdown: महाराष्ट्र से पैदल मध्य प्रदेश लौट रही प्रवासी महिला मजदूर ने सड़क किनारे दिया बच्ची को जन्म

By भाषा | Updated: May 11, 2020 05:46 IST

पुलिस अधिकारी ने कहा कि सफर काफी लंबा और कठिनाइयों से भरा था, जिसके चलते प्रसव के मात्र एक घंटे बाद ही महिला अपने पति राकेश और पांच बच्चों के साथ एक बार फिर से सफर पर निकल पड़ी और महाराष्ट्र की सीमा पार कर करीब 210 किलोमीटर की दूरी पैदल ही चल कर शनिवार को मध्य प्रदेश में आ गये।

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ठळक मुद्देकोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण परेशान होकर महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के सतना जिले स्थित अपने गांव के लिए पैदल जा रही 30 वर्षीय एक प्रवासी महिला मजदूर ने रास्ते में सड़क किनारे एक बच्ची को जन्म दिया है।बड़वानी जिले स्थित सेंधवा ग्रामीण पुलिस थाना प्रभारी वी एस परिहार ने रविवार को बताया कि इस महिला की पहचान शकुंतला के रूप में की गई है।

कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण परेशान होकर महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के सतना जिले स्थित अपने गांव के लिए पैदल जा रही 30 वर्षीय एक प्रवासी महिला मजदूर ने रास्ते में सड़क किनारे एक बच्ची को जन्म दिया है।

बड़वानी जिले स्थित सेंधवा ग्रामीण पुलिस थाना प्रभारी वी एस परिहार ने रविवार को बताया कि इस महिला की पहचान शकुंतला के रूप में की गई है।

इस महिला की यह पांचवीं संतान है और जच्चा—बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नासिक के पास के गांव में मध्य प्रदेश के सतना से गए मजदूर लौट रहे थे, जिसमें 30 वर्षीय गर्भवती महिला शकुंतला भी अपने पति एवं चार बच्चों के साथ सतना के समीप ग्राम उचेरा के लिए निकली थी।

परिहार ने बताया, ''सफर के दौरान नासिक और धूलिया के बीच महाराष्ट्र स्थित ग्राम पिपरी में शकुंतला को प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद साथ में ही चल रही अन्य महिलाओं ने सड़क किनारे ही साड़ियों की आड़ कर शकुंतला को प्रसव कराया और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। यह घटना चार दिन पहले की है।''

उन्होंने कहा कि लेकिन सफर काफी लंबा और कठिनाइयों से भरा था, जिसके चलते प्रसव के मात्र एक घंटे बाद ही महिला अपने पति राकेश और पांच बच्चों के साथ एक बार फिर से सफर पर निकल पड़ी और महाराष्ट्र की सीमा पार कर करीब 210 किलोमीटर की दूरी पैदल ही चल कर शनिवार को मध्य प्रदेश में आ गये।

परिहार ने बताया कि जब महाराष्ट्र की सीमा पार कर मध्य प्रदेश स्थित बिजासन चौकी पर अन्य प्रवासी मजदूरों की मेडिकल जांच की जा रही थी, तो इसी दरमियान पुलिस की नजर इस महिला पर पड़ी और उसने पूछताछ करने पर सारी घटनाक्रम का खुलासा किया।

उन्होंने कहा, ''इसके बाद हमने शकुंतला, उसके पति एवं नवजात शिशु सहित पांचों बच्चों को एकलव्य छात्रावास में पहुंचाया, जहां उनके रुकने और खाने की व्यवस्था के साथ ही उन्हें उनके गांव छोड़ने के लिए बस की व्यवस्था भी कराई है।''

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