नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप देश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच कुछ मजदूरों ने मजबूरन महाराष्ट्र के नागपुर से मध्य प्रदेश के सतना जिले तक साइकिल के जरिए अपनी यात्रा पूरी करने का फैसला किया है।
दरअसल, मजदूरों को लगा था कि 14 अप्रैल के बाद बसें चलने लगेंगी, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 3 मई कर दी गई है। ऐसी स्थिति में नागपुर में फंसे मजदूर अब साइकिल के जरिए अपने गांव जाने को मजबूर हैं।
यही नहीं, काफी संख्या में मजदूर अपने पूरे परिवार को लेकर वापस जा रहे हैं। यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को अपने परिजनों का पेट भरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काम न होने के कारण मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिल रही है।
वहीं, अंजलि जोकि पेशे से मजदूर हैं, उनका कहना है, 'मेरे पति और मैंने कल अपने एक साल के बच्चे के साथ साइकिल से नागपुर से मध्य प्रदेश के सिवनी तक की यात्रा शुरू की। हम 14 अप्रैल को बसों के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब वे शुरू नहीं हुईं, हमने साइकिल पर यात्रा करने का फैसला किया।'
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब प्रवासी मजदूर इस तरह से लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने राज्यों या जिलों की ओर रुख कर रहे हों। लॉकडाउन के पहले चरण में भी कई प्रवासी मजदूर पैदल ही अपनी यात्रा पूरी करने के लिए मजबूर थे। लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी यही स्थिति बरक़रार है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों की बात की जाए तो देश में पिछले 24 घंटे में करीना वायरस के कुल 1,007 नए मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 23 लोगों की मौत हो चुकी है।