IAF MIG-21 Retires: एयरफोर्स से विदा हुआ मिग-21, वॉटर गन सैल्यूट दिया गया, देखें वीडियो
By संदीप दाहिमा | Updated: September 26, 2025 18:35 IST2025-09-26T18:35:20+5:302025-09-26T18:35:20+5:30
छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध लड़ाकू विमान मिकोयान-गुरेविच मिग-21 ने शुक्रवार को अंतिम बार भारतीय आकाश में उड़ान भरी और इसकी विदाई इतिहास और स्मृतियों में दर्ज हो गई।

IAF MIG-21 Retires: एयरफोर्स से विदा हुआ मिग-21, वॉटर गन सैल्यूट दिया गया, देखें वीडियो
Mig 21 Fighter Jet Retire: छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध लड़ाकू विमान मिकोयान-गुरेविच मिग-21 ने शुक्रवार को अंतिम बार भारतीय आकाश में उड़ान भरी और इसकी विदाई इतिहास और स्मृतियों में दर्ज हो गई। इस मौके पर सूरज चमक रहा था, आसमान साफ और चमकदार नीला था, जो 1960 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए रूसी मूल के युद्धक विमान को भव्य विदाई देने के लिए एक आदर्श नजारा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिग-21 को एक शक्तिशाली विमान और राष्ट्रीय गौरव बताते हुए कहा कि इस विमान के प्रति गहरा लगाव है, जिसने हमारे आत्मविश्वास को आकार दिया है। मंत्री ने कहा, ‘‘मिग-21 केवल एक विमान या मशीन ही नहीं है, बल्कि यह भारत-रूस के मजबूत संबंधों का प्रमाण भी है।’’ सिंह ने समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सैन्य विमानन का इतिहास अद्भुत है। मिग-21 ने हमारी सैन्य विमानन यात्रा में कई गौरवपूर्ण क्षण जोड़े।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के सैन्य विमानन के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में कोई लड़ाकू विमान नहीं बनाया गया है।’’ सिंह ने कहा कि विश्व में 11,500 से अधिक मिग-21 विमान बनाये गये और उनमें से 850 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने। उन्होंने कहा, ‘‘यह संख्या इस विमान की लोकप्रियता, विश्वसनीयता और बहुआयामी क्षमता का प्रमाण है।’’
#WATCH | Chandigarh | MiG-21s receive a water gun salute as they decommission after 63 years in service. pic.twitter.com/cPWLHBDdzs
— ANI (@ANI) September 26, 2025
उन्होंने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध, 1999 के कारगिल संघर्ष और 2019 के बालाकोट हवाई हमलों में इस विमान की भूमिका को याद किया। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं जब मिग-21 ने अपनी निर्णायक क्षमता साबित की है। इस मौके पर राजनाथ सिंह के अलावा वायुसेना के पूर्व प्रमुख ए वाई टिपनिस, एस पी त्यागी और बी एस धनोआ तथा वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी मौजूद थे। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने ‘बादल 3’ कॉल साइन वाले मिग-21 बाइसन विमान से उड़ान भरी। वर्ष 1981 में भारतीय वायुसेना प्रमुख बने दिलबाग सिंह ने 1963 में यहां पहली मिग-21 स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था। मिग-21 विमानों के परिचालन का समापन एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और भव्य समारोह के साथ हुआ, जो भारत की वायु शक्ति में एक ऐतिहासिक अध्याय के समापन का प्रतीक है। देश के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान को चंडीगढ़ में सेवामुक्त कर दिया गया, जहां इसे पहली बार शामिल किया गया था। इस मौके पर भारतीय वायुसेना की विशिष्ट स्काईडाइविंग टीम ‘आकाश गंगा’ ने 8,000 फुट की ऊंचाई से ‘स्काईडाइविंग’ का शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद मिग-21 विमानों की शानदार उड़ान के साथ वायु योद्धा ड्रिल टीम की सटीक प्रस्तुतियां और हवाई सलामी दी गई। लड़ाकू पायलटों ने तीन विमानों वाले ‘बादल’ फॉर्मेशन में और चार विमानों वाले ‘पैंथर’ फॉर्मेशन में मिग-21 विमानों के साथ अंतिम बार आसमान में उड़ान भरी। सूर्य किरण एरोबैटिक टीम ने भी अपने अद्भुत करतबों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तेइसवें स्क्वाड्रन के मिग-21 जेट विमानों ने फ्लाईपास्ट समारोह में भाग लिया। जगुआर और तेजस विमानों ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। पहली बार शामिल होने के बाद, भारतीय वायुसेना ने अपनी समग्र लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए 870 से अधिक मिग-21 विमान खरीदे। मिग-21 विमानों ने औपचारिक रूप से सेवामुक्त होने से एक महीने पहले राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल वायुसेना स्टेशन पर अपनी अंतिम उड़ान भरी थी।
One Last Sortie #MiG21pic.twitter.com/IPqJrIKpMd
— News IADN (@NewsIADN) September 25, 2025