गृह मंत्रालय ने अपने सलाहकार आर के मित्रा की सेवा में की अचानक कटौती, पत्नी लड़ चुकी हैं बीजेपी से लोकसभा चुनाव
By भाषा | Published: September 25, 2019 05:33 AM2019-09-25T05:33:44+5:302019-09-25T05:33:44+5:30
मित्रा की पत्नी ने 2019 का लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल की मालदा दक्षिण सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दैरान चुनाव आयोग के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मित्रा ने अपनी पत्नी की उम्मीदवारी वाले क्षेत्र में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती को प्रभावित करने की कोशिश की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अचानक ही अपने सलाहकार आर. के. मित्रा की सेवा में कटौती कर दी है, जबकि उन्हें कुछ ही दिन पहले सेवा विस्तार दिया गया था। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि मित्रा मार्च 2018 में संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त हो गए थे और उसके बाद से वह मंत्रालय में सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। उन्हें कुछ ही दिन पहले 19 सितंबर को सेवा विस्तार दिया गया था।
सोमवार को जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया, ‘‘गृह मंत्रालय में सलाहकार के तौर पर आर. के. मित्रा के सेवा विस्तार के बारे में मंत्रालय के 19 सितंबर 2019 का आदेश वापस लिया जाता है। इसके मुताबिक, मित्रा का कार्यकाल 30 सितंबर 2019 को खत्म हो जाएगा। सलाहकार के पद पर उनकी सेवा में कटौती के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सेवा संबंधी विषयों में मित्रा आईपीएस अधिकारियों का समर्थन कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बतौर सलाहकार मित्रा मंत्रालय में पुलिस-II डिविजन का कामकाज देख रहे थे, जो अर्द्धसैनिक बलों से जुड़े मामलों को देखता है। केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारी होने के नाते वह संयुक्त सचिव के पद पर रहते हुए अपनी सेवानिवृत्ति से पहले इसी विभाग को देख रहे थे।
मित्रा की पत्नी ने 2019 का लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल की मालदा दक्षिण सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दैरान चुनाव आयोग के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मित्रा ने अपनी पत्नी की उम्मीदवारी वाले क्षेत्र में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती को प्रभावित करने की कोशिश की।