#MeToo अभियान के तहत आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर बुरे फंसते नजर आ रहे हैं। उनपर लगे आरोपों के बाद विपक्ष लगातर इस्तीफे की मांग कर रही है। गौरतलब है कि पूर्व पत्रकार रहीं कई महिलाओं ने अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाया है। इसके बाद से वह शुक्रवार के बजाय गुरुवार को ही अपने विदेश दौरे से वापस लौटने को कहा गया है।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि एमजे अकबर के मामले में काफी सोच समझकर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मामले पर बीजेपी और सरकार के बीच भी चर्चा हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के प्रमुख मुद्दों में महिलाओं की सुरक्षा बेहद अहम मुद्दा है।इसलिए इस मामले को अनदेखा नहीं किया जा सकता। साथ ही फैसला लेने में भी सावधानी बरतनी होगी।
गौरतलब है कि बॉलीवुड और मीडिया से होते हुए राजनीतिक गलियारों में पहुंचा #MeToo अभियान गंभीर शक्ल अख्तियार कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व पत्रकार व मोदी सरकार के एमजे अकबर का नाम लेते हुए पत्रकार प्रिया रमानी एक ट्वीट किया। इससे पहले भी करीब एक साल पहले उन्होंने अपनी बातें शेयर की थीं। जब हॉलीवुड के सबसे मशहूर हस्ती हार्वे वेंस्टीन पर यौन उत्पीड़न के आरोपों से मी टू अभियान शुरू हुआ था।
इसके बाद कई ट्वीट में केंद्रीय मंत्री के बारे में बातें हुईं। इसके अलावा पत्रकार प्रिया रमानी ने पिछले साल एक पूरा लेख लिखकर एमजे अकबर का नाम लिए बगैर मीडिया के क्षेत्र में होने वाले शोषण पर लिखा था। इसके बाद प्रेरणा सिंह बिंद्रा समेत कई पत्रकारों ने खुलकर पत्रकारिता के क्षेत्र में होने वाले शोषण पर अपनी बातें रखी थीं।
अब एक बार फिर से इस मामले ने तूल पकड़ी है और इस बारे में सीधे सुषमा स्वराज से सवाल पूछा गया है। लेकिन उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।