सरकारी बैंकों के विलयः दिल्ली सहित पूरे देश में बैंक कर्मियों का विरोध, काली पट्टी बांध कर किए काम
By भाषा | Updated: August 31, 2019 15:43 IST2019-08-31T15:43:33+5:302019-08-31T15:43:33+5:30
इसके विरोध में एक रैली की भी योजना है। उन्होंने कहा कि कि इस विलय का मतलब छह बैंकों का बंद होना है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की।

हड़ताल पर जाने को लेकर दिल्ली में 11 सितंबर को संघ की बैठक होगी।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया है।
सरकार के फैसले पर विरोध प्रदर्शन के लिए सरकारी और निजी बैंकों काम कर रहे इस संगठन के सदस्य यहां शनिवार को कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांध कर काम कर रहे थे। संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय गलत समय पर लिया है और इसकी समीक्षा की जरूरत है।
Delhi: Members of United Forum of Bank Unions (Delhi State) stage protest against the #BankMerger. pic.twitter.com/NTHDC72dgu
— ANI (@ANI) August 31, 2019
उन्होंने कहा कि इसके विरोध में एक रैली की भी योजना है। उन्होंने कहा कि कि इस विलय का मतलब छह बैंकों का बंद होना है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की।
विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के मजबूत बैंकों का निर्माण करना है, ताकि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके। सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर के चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है।
इसमें पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा।
पीएनबी विलय के बाद देश का दूसरा और केनरा बैंक चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। विलय के बाद कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी। पीएनबी के बाद बैंक आफ बड़ौदा तीसरा बड़ा बैंक होगा। वेंकटचालम ने कहा कि सरकार इसे विलय कह सकती है लेकिन इससे छह बैंक बैंकिंग क्षेत्र से गायब हो जाएंगे जिन्हें बनने में सालों लगे हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल पर जाने को लेकर दिल्ली में 11 सितंबर को संघ की बैठक होगी।