नक्शे को लेकर जारी विवाद के बीच पहली बार भारतीय राजदूत और नेपाल के विदेश सचिव के बीच होगी वार्ता, 17 अगस्त को होगी मुलाकात

By भाषा | Published: August 12, 2020 05:21 AM2020-08-12T05:21:49+5:302020-08-12T05:21:49+5:30

पिछले तीन महीने से भारत और नेपाल के बीच तनाव के बीच भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

Meeting with Nepal to review projects but no border talks | नक्शे को लेकर जारी विवाद के बीच पहली बार भारतीय राजदूत और नेपाल के विदेश सचिव के बीच होगी वार्ता, 17 अगस्त को होगी मुलाकात

भारतीय राजदूत और नेपाल के विदेश सचिव के बीच 17 अगस्त को वार्ता होगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी बातचीत करेंगे।यह वार्ता भारत और नेपाल के दरम्यान होने वाले नियमित संवाद का हिस्सा है।

नई दिल्ली। भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी 17 अगस्त को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। नेपाल द्वारा मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी किये जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा होने के बाद यह पहली मुख्य वार्ता होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्वात्रा और बैरागी के बीच समीक्षा प्रक्रिया के तहत होने वाली यह वार्ता भारत और नेपाल के दरम्यान होने वाले नियमित संवाद का हिस्सा है।

एक सूत्र ने बताया, "दोनों देशों के बीच जारी द्विपक्षीय आर्थिक और विकासपरक परियोजनाओं की समीक्षा और समय-समय पर संवाद के लिए 2016 में समीक्षा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई थी।''

सड़क के उद्घाटन पर शुरू हुआ था विवाद

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था।

नेपाल ने सड़क को अपने क्षेत्र में बताया था

नेपाल ने इसका विरोध करते हुए दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है। इसके कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है। भारत इन इलाकों को अपना मानता है। जून में नेपाल की संसद ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दे दी, जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था।

भारत ने की थी अवैध आवाजाही रोकने की मांग

इसके बाद भारत ने नेपाल से कहा था कि वह भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और गुंजी में अपने नागरिकों की 'अवैध' आवाजाही को रोके। नेपाली प्रशासन को लिखे एक पत्र में भारतीय अधिकारी ने कहा कि नेपाली लोग समूह में 'अवैध' तरीके से इन क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहते हैं, जिससे दोनों देशों के लिए परेशानी पैदा होगी।

Web Title: Meeting with Nepal to review projects but no border talks

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