सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद बुलाई गई चयन समिति की बैठक में वर्मा पर मामला चलाए जाने को लेकर आज कोई फैसला नहीं हो सका.
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक आज फिर होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सीजेआई रंजन गोगोई के प्रतिनिधि जस्टिस सीकरी ने हिस्सा लिया.
सूत्रों ने दावा किया कि बैठक शुरू होते ही खड़गे ने प्रश्न उठाया कि बिना यह समझे हुए कि सुको में केंद्रीय सर्तकता आयोग ने जो गोपनीय रिपोर्ट सौंपी है जब तक उसकी पूरी जानकारी नहीं मिल जाती यह कैसे तय किया जा सकता है कि आलोक वर्मा पर कोई मामला चलाया जाए अथवा नहीं.
इसके बाद बैठक में मौजूद तीनों सदस्यों को सीवीसी की वह रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई, जिसके आधार पर सरकार ने रातों-रात आलोक वर्मा को सीबीआई मुख्यालय से बेदखल कर दिया था. खड़गे ने यह सवाल भी उठाया कि अभी यह तय करना बाकी है कि वर्मा की अवकाश ग्रहण करने की तिथि से पहले सेवा अवधि का अधिकांश समय अदालती मामलों में सरकार के गलत आदेश से जाया हुआ है, अत: वर्मा के कार्यकाल को उतनी अवधि के लिए बढ़ाया जाए अथवा नहीं.
इन मुद्दों पर तभी फैसला हो सकता है जब सीवीसी की रिपोर्ट का गंभीरता से अध्ययन कर लिया जाए. खड़गे की इन दलीलों के बाद जस्टिस सीकरी भी इस बात से सहमत थे कि कोई भी फैसला करने से पहले उसके सभी पहलुओं की बारीकी से समीक्षा कर ली जाए. नतीजतन अब आज पुन: चयन समिति की बैठक होगी. माना जा रहा है कि कल की बैठक में आलोक वर्मा को लेकर कोई अंतिम निर्णय हो सकता है.