क्या पटना से निकलेगा विपक्षी एकता का नया रास्ता...रंग लाएगी भाजपा के खिलाफ नीतीश कुमार की कोशिश? बिहार में आज महामंथन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 23, 2023 10:35 AM2023-06-23T10:35:24+5:302023-06-23T10:41:15+5:30

भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 के चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने को लेकर विपक्षी दलों की आज बड़ी बैठक बिहार की राजधानी पटना में होने वाली है। ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई सभी दल भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ सकेंगे?

Meeting of opposition leaders in Patna, emphasis will be on uniting and challenging BJP | क्या पटना से निकलेगा विपक्षी एकता का नया रास्ता...रंग लाएगी भाजपा के खिलाफ नीतीश कुमार की कोशिश? बिहार में आज महामंथन

फाइल फोटो

पटना: विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भाजपा को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर शुक्रवार को पटना में मंथन करने जा रहे हैं। बैठक से एक दिन पहले गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ विपक्षी नेता एक परिवार की तरह एकजुट होकर लड़ेंगे।

विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि विपक्षी नेताओं की मंत्रणा के दौरान नेतृत्व संबंधी सवालों को दरकिनार कर मिलकर मुकाबला करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उधर, आम आदमी पार्टी (आप) के इस इस रुख से विपक्षी एकजुटता की कवायद पर मतभेदों का साया पड़ गया कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसे समर्थन देने का वादा नहीं किया तो ‘आप’ शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक से बाहर हो जाएगी।

पटना की बैठक में कौन-कौन हो सकता है शामिल?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग लेने वाले हैं। राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश से सपा इस बैठक में शामिल हो रही है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी किसी पारिवारिक कार्यक्रम के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे। इस बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कर रहे हैं। बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हो रही है।

नेतृत्व और सीट बंटवारे पर भी स्थिति होगी साफ?

सूत्रों ने बताया कि हालांकि इस दौरान फिलहाल के लिए सीट के बंटवारे और नेतृत्व संबंधी सवालों को नजरअंदाज किया जाएगा। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘यह तो बस शुरुआत है। विचारों का मिलना महत्वपूर्ण है। इस वक्त चुनावी रणनीति, नेतृत्व संबंधी सवाल और सीट के बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी दल जिन मुद्दों को उठाएंगे, वे इस बैठक का शीर्ष एजेंडा होंगे और इस संदर्भ में मणिपुर हिंसा तथा इसमें केंद्र की कथित नाकामी पर चर्चा किए जाने की संभावना है।

इस बैठक में केजरीवाल के राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा के लिए जोर देने पर निगाहें टिकी होंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह केंद्र सरकार द्वारा इस अध्यादेश को संसद में पेश किए जाने पर ‘आप’ का समर्थन करेगी या नहीं। विपक्षी दलों की यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब उनके आपसी मनमुटाव की खबरें भी सामने आई हैं।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला करने वाले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मुर्शिदाबाद जिले में ब्लॉक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।

भाजपा कस रही विपक्षी दलों की बैठक पर तंज

भाजपा विपक्षी दलों में मतभेदों को लेकर उन पर निशाना साध रही है और यह सवाल बार-बार उठा रही है कि विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा। कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने भाजपा की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का सवाल महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि 2024 के आम चुनावों में भाजपा को हराने के बाद नेतृत्व के सवाल को मिलकर हल किया जा सकता है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी राजा ने विपक्षी नेताओं की पटना में होने वाली बैठक को ‘‘सही दिशा में’’ आगे बढ़ाया गया एक कदम बताया। वह भी इस बैठक में शामिल होंगे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी बैठक में भाग लेने की सहमति जतायी है। जनता दल (यूनाइटेड) के मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि बैठक में 15 विपक्षी दलों के नेताओं के पहुंचने की संभावना है।

Web Title: Meeting of opposition leaders in Patna, emphasis will be on uniting and challenging BJP

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