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'मीडिया वन' का लाइसेंस रद्द करने को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा, कहा- फैसला विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त खुफिया सूचनाओं पर आधारित

By विशाल कुमार | Updated: February 8, 2022 11:56 IST

जस्टिस एन. नागरेश ने ‘मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केन्द्र सरकार के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती दी गई थी। ‘मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ ही ‘मीडिया वन’ चैनल का संचालन करता है।

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ठळक मुद्देहाईकोर्ट ने कहा कि मंत्रालय का निर्णय विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त खुफिया सूचनाओं पर आधारित था।केन्द्र ने तर्क दिया था कि एक बार मिली सुरक्षा मंजूरी हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती।चैनल ने कहा था कि गृह मंत्रालय की मंजूरी नवीनीकरण के समय जरूरी नहीं थी।

कोच्चि (केरल):केरल हाईकोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर रोक लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले को मंगलवार को बरकरार रखा।

जस्टिस एन. नागरेश ने ‘मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केन्द्र सरकार के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती दी गई थी। ‘मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ ही ‘मीडिया वन’ चैनल का संचालन करता है।

अदालत ने कहा कि सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने का केन्द्रीय गृह मंत्रालय का निर्णय विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त खुफिया सूचनाओं पर आधारित था।

केन्द्र ने सोमवार को सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि एक बार मिली सुरक्षा मंजूरी हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती। केन्द्र सरकार ने पहले अदालत को बताया था कि गृह मंत्रालय ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताओं के मद्देनजर ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।

वहीं, चैनल ने कहा था कि गृह मंत्रालय की मंजूरी केवल नई अनुमति/लाइसेंस के समय जरूरी थी, नवीनीकरण के समय नहीं। चैनल ने कहा था कि ‘अपलिंकिंग’ और ‘डाउनलिंकिंग’ दिशानिर्देशों के अनुसार, सुरक्षा मंजूरी केवल नई अनुमति के लिए आवेदन करते समय जरूरी थी, न कि लाइसेंस के नवीनीकरण के समय।

यह पहला मौका नहीं है, जब चैनल को अपने संचालन पर इस तरह की रोक का सामना करना पड़ा हो। ‘मीडिया वन’ और एक अन्य मलयालम समाचार चैनल ‘एशियानेट’ को 2020 में दिल्ली में कथित साम्प्रदायिक हिंसा की उनकी ‘कवरेज’ को लेकर 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया था।

केंद्र सरकार के इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध लेकर कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और के सुधाकरण और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी लेकिन ठाकुर ने केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने के लिए कहा था क्योंकि उनके ही मंत्रालय ने सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार किया है।

शीर, हिबी ईडन, अब्दुस्समद समदानी, एन. प्रतापन, अदूर प्रकाश, डीन कुरियाकोस और राजमोहन उन्नीथन भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। वहीं, टीएमसी, कांग्रेस, एनसीपी और कई अन्य सदस्यों ने ‘मीडिया वन’ के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया था।

टॅग्स :केरलKerala High Court
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