'अभी नहीं कर सकता ट्रेड डील', भारत दौर से पहले ट्रंप के इस बयान पर विदेश मंत्रालय की सफाई, कहा- बयान के ‘संदर्भ’ को समझना जरूरी

By भाषा | Published: February 21, 2020 12:32 AM2020-02-21T00:32:47+5:302020-02-21T00:32:47+5:30

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आ रहे हैं जिसमें दोनों देशों के बीच के सामरिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने सहित रक्षा, सुरक्षा, आतंकवाद से लड़ाई, व्यापार, ऊर्जा, दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। 

MEA on Trump's 'no deal' remarks Context was balance of trade | 'अभी नहीं कर सकता ट्रेड डील', भारत दौर से पहले ट्रंप के इस बयान पर विदेश मंत्रालय की सफाई, कहा- बयान के ‘संदर्भ’ को समझना जरूरी

'अभी नहीं कर सकता ट्रेड डील', भारत दौर से पहले ट्रंप के इस बयान पर विदेश मंत्रालय की सफाई, कहा- बयान के ‘संदर्भ’ को समझना जरूरी

Highlightsभारत की 24-25 फरवरी की यात्रा से पहले ट्रंप ने कहा था कि कारोबार के क्षेत्र में भारत ने उनके देश के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।यह पूछे जाने पर कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कब हस्ताक्षर होंगे, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम अमेरिका के साथ कुछ समय से कारोबार वार्ता कर रहे हैं।

कारोबार मोर्चे पर भारत द्वारा अमेरिका के साथ ‘‘अच्छा व्यवहार’’ नहीं करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को कमतर करने का प्रयास करते हुए भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके बयान के ‘‘संदर्भ’’ को समझना महत्वपूर्ण है तथा उन चिंताओं पर ध्यान देने के प्रयास किये गये हैं । ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान अमेरिका के साथ बहुप्रतिक्षित कारोबार समझौता होने की उम्मीदें खत्म समाप्त होने की दिशा में बढ़ने के बीच भारत ने कहा कि वह कोई ‘कृत्रिम समयसीमा’’ नहीं सृजित करना चाहता ।

भारत की 24-25 फरवरी की यात्रा से पहले ट्रंप ने कहा था कि कारोबार के क्षेत्र में भारत ने उनके देश के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। उन्होंने इसके साथ संकेत दिया कि ऐसा हो सकता है कि नयी दिल्ली के साथ कोई ‘बड़ा द्विपक्षीय समझौता’ अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले नहीं हो। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘जिस संदर्भ में यह दिया गया है, उसे समझना महत्वपूर्ण है। ट्रंप के बयान का संदर्भ व्यापार संतुलन से था, उन चिंताओं पर ध्यान देने के प्रयास किये गये हैं।’’

उन्होंने कहा कि कृपया इस बात को समझें कि अमेरिका माल और सेवा क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है । यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षो में दोनों देशों के बीच कारोबार निरंतर बढ़ा है ।

यह पूछे जाने पर कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कब हस्ताक्षर होंगे, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम अमेरिका के साथ कुछ समय से कारोबार वार्ता कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इसका परिणाम दोनों देशों के बीच सही संतुलन के रूप में सामने आयेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में कोई कोई समझौता नहीं करना चाहते क्योंकि इससे जुड़े मुद्दे जटिल हैं और कई ऐसे निर्णयों से संबंधित हैं जिनका लाखों लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। हमारे लिये लोगों के हित सर्वोपरि हैं। ऐसे में जल्दबाजी ठीक नहीं है। हम कोई कृत्रिम समय सीमा सृजित नहीं करना चाहते।’’

उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते कारोबार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारा कारोबार पिछले दो वर्षों में 10 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से बढ़ा है। कुमार ने इस संदर्भ में अमेरिका से तेल और गैस के आयात का भी जिक्र किया ।

उन्होंने कहा कि हमारा व्यापार घाटा कम हो रहा है । अमेरिका के साथ परमाणु सहयोग के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि वेस्टिंग हाउस और एनपीसीआईएल आंध्र प्रदेश में छह रिएक्टर के निर्माण के लिए चर्चा चल रही है। अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग का लम्बा इतिहास रहा है। दोनों देशों के बीच एक संयुक्त कार्य समूह है जो सहयोग की समीक्षा करता है और नये क्षेत्रों की पहचान करता है। उन्होंने बताया कि इसरो और नासा मिलकर माइक्रोवेब रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट के निर्माण में सहयोग कर रहे हैं।

Web Title: MEA on Trump's 'no deal' remarks Context was balance of trade

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